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Ayodhya: जानें कहां है रामलला की वह मूर्ति, जिसका राम मंदिर के लिए नहीं हुआ चयन….देखें कहां गई है रखी

रामलला की मूर्ति बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था, जिनमें से दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था, जिसमें से एक को गर्भगृह में विराजमान किया गया है.

फोटो-सोशल मीडिया

Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की नई मूर्ति भी स्थापित कर दी गई है. तो वहीं राम भक्तों में लगातार उत्साह देखा जा रहा है. बड़ी संख्या में लोग राम मंदिर की ओर बढ़े जा रहे हैं और अपने रामलला को पास से देखने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं. मंगलवार को सुबह से ही अयोध्या की सड़कों पर भारी सैलाब उमड़ पड़ा और लम्बी-लम्बी कतारें राम मंदिर की ओर जाते हुए दिखाई दीं. तो वहीं रामलला की नई तस्वीर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसकी छवि भक्तों को खूब लुभा रही है. रामलला की यह मूर्ति तीन मूर्तियों में से चुनी गई थी.

Ram lalla Ayodhya

बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था, जिनमें से दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था, जिनमें से एक को राम मंदिर के लिए चुना गया था, जिसे मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाया गया था. तो वहीं लोगों के मन में ये सवाल भी कौंध रहा है कि, अन्य दो मूर्तियों का क्या किया गया. तो बता दें कि, रामलला की जो मूर्ति राम मंदिर के लिए नहीं चुनी गई, फिलहाल उनको मंदिर ट्रस्ट ने अपने पास ही रखा है. बता दें कि, राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के रहने वाले सत्यनारायण पाण्डे कई पीढ़ियों से मूर्तिकारी का काम करते आ रहे हैं. उनके द्वारा ही सफेद मकराना संगमरमर से यह मूर्ति बनाई गई थी. तो वहीं गर्भ गृह में विराजमान रामलला की मूर्ति पांच साल के बालक के रूप में साक्षात रामलला की अनुभूति दिलाती है.

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2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

मालूम हो कि राम मंदिर में रामलला के स्थापित होने में 500 सालों का लम्बा इंतजार करना पड़ा है. अपने ही घर में रामलला को आने के लिए लम्बी कानून लड़ाई भी लड़नी पड़ी. तो वहीं वर्ष 2019 में वो वक्त भी आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था और मंदिर निर्माण का आदेश जारी किया था. इसी के बाद 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही मंदिर का शिलान्यास किया था और तभी से मंदिर का निर्माण कार्य जारी था. अब भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है. हालांकि अभी काम जारी है, लेकिन प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है और मंदिर की सुंदर तस्वीरें सामने आई हैं. 22 जनवरी, 2024 को राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 23 जनवरी से राम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं.

Ram Mandir

अयोध्या में जारी है कई विकास कार्य

बता दें कि भाजपा सरकार लगातार अयोध्या को विकसित करने के लिए काम कर रही है. अयोध्या को एक आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉट स्पॉट की तरह से विकसित करने की हर प्लानिंग सरकार कर रही है. सरकार की योजना है कि अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बना दिया जाए. इसके लिए हज़ारों करोड़ रुपये व्यय कर शहर का बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है. यहां पर दर्जनों की संख्या में फाइव-सेवन स्टार होटलों का निर्माण कार्य जारी है. इसी के साथ ही तमाम अन्य सुविधाओं के साथ अयोध्या को लैस किया जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में अयोध्या पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण शहर होगा.

-भारत एक्सप्रेस

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