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Lok Sabha Elections: कांग्रेस ने दूर कर दी अखिलेश यादव की नाराजगी! उठाया ये बड़ा कदम, क्या अब सपा से बन जाएगी बात?

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की दो मुख्य पार्टियों के बीच खटास पैदा हो गई थी. दरअसल मध्यप्रदेश में चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक तरह से आमने-सामने आ गई थीं. दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हुई. उस समय कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को सीट देने से साफ इंकार कर दिया था. इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से भी साफ कह दिया गया कि जिस तरह से कांग्रेस ने हमारे साथ मध्यप्रदेश में व्यवहार किया है. हम भी उनके साथ वैसा ही करेंगे.

हालांकि अब समय के साथ दोनों की बीच यह खटास कम हो रही है. दोनों पार्टियों की तरफ से एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कम कर दी गई है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी एक ऐसा काम कर दिया है, जिससे सपा और उसके बीच की गहराई कम सकती है.

कांग्रेस ने उठाया यह कदम

बता दें कि मध्यप्रदेश में चुनाव के समय कमलनाथ पीसीसी चीफ थे. तब सपा की तरफ से उनसे सीट कुछ सीटें मांगी गई थीं. हालांकि कमलनाथ ने इससे साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच बवाल खड़ा हो गया था. यहां तक की कमलनाथ ने तो अखिलेश-वखिलेश कह दिया था. इसके बाद तो पारा और हाई हो गया. वहीं अब चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस की बड़ी हार हुई. इसके बाद कांग्रेस ने अब मध्यप्रदेश के अध्यक्ष पद से कमलनाथ की छुट्टी कर दी है. उनकी जगह जीतू पटवारी को नया अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस के इस फैसले से शायद सपा अध्यक्ष को थोड़ी राहत मिलेगी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने में जान फूंक देंगे.

राजनीतिक विशेषज्ञों की तरफ से भी ऐसा माना जा रहा है. कमलनाथ के हटने के बाद कांग्रेस और सपा के बीच सकारात्मक मोर्चे पर वार्ता हो सकेगी. वहीं कांग्रेस को भी डर था कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में दिक्कत आई तो इसका फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.

सीट बंटवारा दोनों की दूरी करेगा कम

दरअसल अब पूरा मामला फिर सीट बंटवारे को लेकर सामने आ गया है. लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में सपा ने भी मध्यप्रदेश में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी है. सपा नेताओं की तरफ से इस बात के संकेत दिए गए हैं. वहीं कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में अपने मन के मुताबिक, सीट पाने के लिए कोशिश रही है. ऐसे में दोनों के एक सामंजस्य बिठाया जा सकता है. जिससे लोकसभा चुनाव में दोनों सीट बंटवारे पर सहमत हो सकें.

– भारत एक्सप्रेस

Rahul Singh

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