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Lucknow news: कक्षा-4 में पढ़ने वाली बच्ची का गर्भपात कराने के मामले में अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल सीज, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 35 वर्षीय उमर कुरैशी ने उनकी बेटी का दुष्कर्म किया और फिर जबरन प्रामिस हास्पिटल में ले जाकर गर्भपात करा दिया. पीड़िता के पिता ने गोसाईंगंज में मामला दर्ज कराया है.

अस्पताल में कार्रवाई करती स्वास्थ्य विभाग की टीम व डिप्टी सीएम

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गर्भपात का धंधा करने वाले गोसाईंगंज के अवैध प्रॉमिस हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया है. छापामारी के दौरान पांच गर्भवती महिलाएं भी भर्ती मिली हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये कार्रवाई डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार देर रात हॉस्पिटल में छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की है. ये भी जानकारी सामने आई है कि अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा था.

वहीं डिप्टी सीएम के आदेश पर सभी गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है और अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

इस तरह खुला प्रॉमिस हॉस्पिटल का राज

सूत्रों के मुताबिक, गोसाईगंज कोतवाली क्षेत्र के अमेठी कस्बे की कक्षा-4 की नाबालिग छात्रा को डरा धमकाकर कर 35 वर्षीय मीट व्यापारी उमर कुरैशी ने दुष्कर्म किया था और उसने ये घटना बार-बार दोहराई, जिससे नाबालिग छात्रा गर्भवती हो गई. इसके बाद उसने जबरन प्रॉमिस हॉस्पिटल में ले जाकर गर्भपात करा दिया. पीड़िता के पिता ने गोसाईगंज पुलिस को इस मामले में तहरीर दी है और उमर कुरैशी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के साथ ही अस्पताल पर भी गर्भपात कराने का आरोप लगाया है. जिसके बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिग पीड़िता को मेडिकल के लिए भेज दिया है. वहीं, पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रॉमिस हॉस्पिटल की डॉक्टर अवैध गर्भपात के धंधे में लिप्त हैं और पैसे के लिए नियमों को ताक पर रखकर हॉस्पिटल में गर्भपात कराया जा रहा है.

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डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश

इस पूरे मामले की जानकारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक पहुंचने के बाद उन्होंने सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल को मामले की जाँच के निर्देश दिये. इसी के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. अखंड प्रताप सिंह और सीएचसी अधीक्षक डॉ. विनय मिश्र गोसाईंगंज पुलिस के साथ रविवार देर रात प्रॉमिस हॉस्पिटल पहुँचें तो देखा कि यहां पाँच गर्भवती महिलाएं भर्ती मिली, जिनके सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है. इसी के बाद सीएमओ की टीम ने अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से डॉक्टरों के बारे में जानकारी हासिल की. इसके साथ ही अस्पताल का पंजीकरण संबंधी पेपर मांगे, लेकिन वे कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाये. तो वहीं सीएमओ कार्यालय में प्रॉमिस हॉस्पिटल का पंजीकरण नहीं मिला.

डॉक्टर के महिला रोगियों के इलाज संबंधी गायनी की डिग्री भी नहीं थी. इसके बाद डिप्टी सीएम के निर्देश पर अस्पताल को सीज कर दिया गया. इसी के साथ मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है.

डिप्टी सीएम ने मांगी विस्तार रिपोर्ट

इस पूरे मामले में सख्ती दिखाते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये. ऐसे गलत व अनैतिक काम करने वाले अस्पताल की शिनाख्त की जाए और सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं, डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से पूछा है कि प्रॉमिस हॉस्पिटल कब से चल रहा था? और इस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई थी. उन्होंने पूरे मामले की विस्तार रिपोर्ट तलब की है.

-भारत एक्सप्रेस



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