प्रतीकात्मक तस्वीर
Lucknow Crime: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आ रही है. यहां चलती एसयूवी कार में एक सेवारत पीसीएस अधिकारी की 23 वर्षीय बेटी के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है. इस मामले में पीड़िता ने रविवार को वजीरगंज पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जबकि घटना 5 दिसंबर को हुई थी. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों की पहचान सत्यम मिश्रा (22), असलम (31) , सुहैल (23) के रूप में की गई है. पुलिस तीनों से मामले में पूछताछ कर रही है.
इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसकी निगरानी अतिरिक्त डीसीपी (पश्चिम क्षेत्र) चिरंजीव नाथ सिन्हा कर रहे हैं. उन्होंने पूरे प्रकरण के बारे में मीडिया को बताया कि पीड़िता 5 दिसंबर के दिन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अपना इलाज कराने के लिए गई थी. पीड़िता यहां पर मनोचिकित्सक से इलाज करवा रही है. एडीसीपी ने आगे बताया कि वह विभाग के गेट के पास एक चाय की दुकान पर गई थी, जिसे आरोपी व्यक्ति चला रहे थे. पीड़िता जब चाय की दुकान पर गई तो उसके मोबाइल फोन की बैटरी खत्म हो गई. इस पर उसने फोन चार्ज करने के लिए मदद मांगी. इस पर आरोपी सत्यम ने पास खड़ी एंबुलेंस में उसका फोन चार्ज कराने की बात कही. इस पर पीड़िता तैयार हो गई, लेकिन कुछ ही देर बाद एंबुलेस चालक मोहम्मद असलम गाड़ी लेकर चला गया. इस पूरे मामले को लेकर आरोपी सत्यम ने बताया कि वो डालीगंज गया है. इसके बाद वो पीड़िता के साथ ई रिक्शे से डालीगंज पहुंचा तो बताया कि एंबुलेंस आईटी चौराहे पर हैं. जब वो दोनों वहां पहुंचे तो एंबुलेस वहां भी नहीं मिली.
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एसयूवी कार में जबरन खींचने के बाद किया गैंगरेप
इसी दौरान सत्यम के दो साथियों असलम और सुहैल ने लड़की को जबरदस्ती एसयूवी में खींच लिया और फिर तेज रफ्तार में कार को बाराबंकी के सफेदाबाद की ओर लेकर चले गए. एडीसीपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि “उन लोगों ने रास्ते में एक रेस्तरां से खाना खरीदा और लड़की को जबरन खिलाया. इसके बाद जैसे ही कार आगे बढ़ी, सत्यम ने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया और इसका वीडियो भी बना लिया. इसके बाद वो लोग उसे इंदिरा नगर में उसके दोस्त के घर के बजाय मुंशीपुलिया में छोड़कर भाग गए.”
सीसीटीवी फुटेज से पकड़े गए आरोपी
एडीसीपी ने बताया कि “हमने 120 कियोस्क/स्टॉलों का सत्यापन अभियान चलाया और उनकी तस्वीरें लीं और उन्हें बचे लोगों को दिखाया. इसके बाद शक होने पर पहले सत्यम को उठाया जो सुहैल और असलम की चाय की दुकान पर काम करता था. इसकी ही कार का इस्तेमाल अपराध करने में किया गया था. निगरानी विवरण और सीसीटीवी फुटेज से अपराध में उनकी भूमिका का पता चला. इसके बाद पूछताछ में सत्यम ने अपने दोनों साथियों का भी नाम खोल दिया और उसकी निशानदेही पर सुहैल और असलम को भी गिरफ्तार कर लिया.”
अखिलेश ने कहा, निंदनीय
इस घटना को लेकर अब यूपी में सियासत शुरू हो गई है. भाजपा सरकार पर लगातार कानून व्यवस्था को लेकर हमला बोल रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कहा है, “ये उप्र में अपराध के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस के ज़ीरो हो जाने का परिणाम है. निंदनीय!”
-भारत एक्सप्रेस