मद्रास हाई कोर्ट
Tamil Nadu News: मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है कि मंदिरों के बाहर ऐसे बोर्ड लगाए, जिसमें लिखा होना चाहिए कि मंदिरों में गैर-हिंदुओं के जाने पर रोक है. ये आदेश हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने मंगलवार (30 जनवरी) को दिया. बेंच के जस्टिस एस. श्रीमथी ने याचिकाकर्ता डी. सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया है. सेंथिल कुमार हिल टेंपल डिवोटीज ऑर्गनाइजेशन के संयोजक हैं. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है, कि कोई भी घूमने चला आए.
कोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका
बता दें कि याचिकाकर्ता डी.सेंथिल कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि अरुलमिगु पलानी धनदायुथापानी स्वामी मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की अनुमति दी जाए, अन्य धर्मों से जुड़े लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए. मंदिर के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं, जिसपर लिखा हो कि मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है.
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कोर्ट ने सरकार को दिया नो एंट्री बोर्ड लगाने का आदेश
अदालत ने तमिलनाडु सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि वे मंदिरों के एंट्री गेट, ध्वजस्तंभ के पास और मंदिर के प्रमुख स्थानों पर ‘गैर-हिंदुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है’ वाले बोर्ड लगाएं. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि मंदिर में उन लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू किया जाए, जो मंदिर के देवी-देवताओं में विश्वास नहीं रखते हैं और हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन नहीं करते हैं. अगर मंदिर में दर्शन करना है तो पहले इन सब बातों का वचन लेगा.
मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट या पर्यटक स्थल नहीं- कोर्ट
कोर्ट ने सरकार को सख्त लहजे में कहा कि मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट या पर्यटक स्थल नहीं है. भले ही मंदिर एतिहासिक हो. मंदिर संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत नहीं आते हैं. इसलिए किसी भी गैर हिंदू के मंदिर में प्रवेश को रोकना गलत नहीं ठहराया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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