सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 23 अप्रैल को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले के खिलाफ अब ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
6 सप्ताह में वेतन वापसी के आदेश
कोर्ट की ओर से नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले को सीएम ममता बनर्जी ने अवैध करार दिया था. उन्होंने कहा था कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने नियुक्तियों को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि जिन लोगों की इन पदों पर भर्ती हुई थी और ज्वॉइन के बाद से नौकरी कर रहे थे, वे सभी 6 हफ्तों के अंदर वेतन वापस करें.
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. इन विद्यालयों में 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी 2016 की एसएलएसटी परीक्षा में शामिल हुए थे.
15 दिन में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश
न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार राशिदी की खंडपीठ ने सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में और जांच करने तथा तीन महीनों में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (एसएससी) को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा की तारीख से एक पखवाड़े के अंदर नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया है.
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बता दें की भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कई टीएमसी पदाधिकारियों के साथ राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जेल में बंद है। कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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