असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा.
Manipur Violence: मणिपुर में दो महीने से अधिक समय से भड़की हिंसा को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. विपक्षी दल राज्य की बीजेपी सरकार पर शांति बहाली के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के आरोप लगा रही है. वहीं पार्टी गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमलवार है. इस बीच कांग्रेस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में पूर्ववर्ती सरकार की दोषपूर्ण राजनीति के चलते जातीय संघर्ष हुआ.
असम के सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब मणिपुर में अपने हितों को ध्यान में रखते हुए छल-कपट कर रही है, जबकि राज्य और केंद्र में उसकी सरकार रहने के दौरान उसके नेताओं के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकलता था.
हिमंता बिस्वा सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, “मणिपुर में बहु-जातीय संघर्षों के कारण जो पीड़ा देखने को मिल रही है उसकी वजह राज्य के प्रारंभिक वर्षों के दौरान कांग्रेस सरकारों की दोषपूर्ण नीतियां हैं. सात दशक के कुशासन से पैदा हुई गड़बड़ियों को ठीक करने में समय लगेगा.”
मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में हुआ सुधार- बोले असम के सीएम
हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया कि 2014 के बाद से मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में जबरदस्त सुधार हुआ है और पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दशकों पुराने जातीय संघर्षों को हल करने की प्रक्रिया समग्रता से पूरी की जाएगी. असम के सीएम ने कहा, “कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक दिलचस्पी दिखा रही है. थोड़ा पीछे जाकर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है.”
उन्होंने दावा किया कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान मणिपुर नाकाबंदी की राजधानी बन गया था, और 2010-2017 के बीच जब राज्य में कांग्रेस का शासन था, हर साल 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी की जाती थी. बता दें कि हाल ही में मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाते हुए दिखाया गया था. महिलाओं के साथ इस दरिंदगी पर देश भर में गुस्सा फूट पड़ा, जबकि इस घटना के बाद मणिपुर में नए सिरे से तनाव फैल गया है.
-भारत एक्सप्रेस