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जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, अदालत ने 8 मई तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत, ईडी को दिया ये निर्देश

Delhi Liquor Policy Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया राउज एवेन्यू कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है.

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दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

Delhi Liquor Policy Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी है. इसके साथ ही ईडी को आदेश दिए हैं कि 8 मई को दोपहर 12 बजे तक अपना जवाब दाखिल करें.

8 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

बता दें कि 26 अप्रैल को दिल्ली शराब नीति घोटोला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की सुनवाई कोर्ट में हुई. इस दौरान कोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, विजय नायर के अलावा अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी. मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था.

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न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आरोप पत्र से संबंधित दस्तावेजों को डिजिटल बनाने में लगने वाले समय के बारे में बताने को कहा है और इसको लेकर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा व साइमन बेंजामिन ने आरोप लगाया कि आरोपी लोग कार्यवाही में देरी करना चाहते हैं और वे सुनवाई में तेजी लाने के इच्छुक नहीं हैं. आरोपियों के वकीलों ने न्यायाधीश से कहा कि उन्हें सही तरीके से दस्तावेजों की जांच नहीं करने दिया जा रहा है. समय भी कम दिया जा रहा है.

ईडी के वकील मट्टा ने जवाब दिया कि उन्हें एक सप्ताह का समय दिया जाए वे सभी दस्तावेजों की सूची पेश कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास दो सौ से ज्यादा डिजीटल उपकरण हैं. एक कांफ्रेंस रूम भी है. वहां आरोपियों के वकील जब भी चाहें समय बताकर आ जाएं. न्यायाधीश ने इसके बाद आरोपियों के वकीलों से कहा कि वे सुनवाई में देरी न करें. आप दस्तावेजों की निरीक्षण का समय बढ़ाएं.

इससे पहले अदालत ने आरेापी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को 7 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. ईडी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी आबकारी घोटाला मामले में अपराध से अर्जित आय की प्रमुख लाभार्थी है. ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं बरती गई है. लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया, और एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना विस्तारित किया गया.

-भारत एक्सप्रेस



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