
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में स्थित जयप्रकाश नारायण अंतराष्ट्रीय केंद्र परियोजना (JPNIC ) सोसायटी को भंग कर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को दे दिया है. समाजवादी पार्टी के कार्यकाल मे करीब 850 crore की लागत से बना ये केंद्र लंबे समय से राजनीति का केंद्र रहा है. उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसको मंजूरी दी गई. लोक भवन लखनऊ में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जेपी केंद्र का संचालन अब विकास प्राधिकरण करेगा.
बैठक में लखनऊ में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने हेतु 49.96 किमी का लिंक एक्सप्रेस वे निर्माण को भी मंजूरी दी गई. इस पर 4776 करोड़ खर्च होंगे. बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी(BIDA) एरिया अंतर्गत न्यू इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना प्रस्ताव को स्वीकृति मिली. औद्योगिक निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति अंतर्गत कम्पनियों को सब्सिडी व लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
बैठक में उत्तरप्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली. वर्ष में 25 से 30 हजार बेरोजगारों को देश के बाहर व देश मे करीब 1 लाख प्रदेश के बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में सेवायोजित करने का लक्ष्य तय किया गया है. कारखानों में कामगार महिला वर्करों के सम्बंध में नियमावली संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी भी दी गई.
उत्तर प्रदेश में अब पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड से पूर्व सैनिकों व होमगार्ड की सेवाएं GeM पोर्टल से इतर सीधे लिया जा सकेगा. अयोध्या व आसपास क्षेत्र के सुरक्षा हेतु कैंटोनमेंट क्षेत्र में अयोध्या में NSG हब सेंटर निर्माण भी हो सकेगा. वित्त विभाग के इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम बनाने हेतु प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.
अखिलेश और राज्य सरकार के बीच विवाद का रहा है केंद्र लखनऊ में करीब 850 करोड़ से बना जेपी सेंटर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बीजेपी की यूपी सरकार के बीच विवाद का केंद्र रहा है. बीजेपी की राज्य में सरकार बनने के बाद तत्कालीन केबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन और सुरेश पासी ने सेंटर का निरीक्षण कर कई कमियों को पकड़ा था. राज्य सरकार ने उस पर ताला डाल दिया.
सेंटर में बने हेलीपैड से लेकर ऑडिटोरियम और होटल की उपयोगिता सवालों के घेरे में है. घटिया निर्माण को लेकर भी जांच की जा रही थी. जेपी की जयंती पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वहां जाने की कोशिश की तो विकास प्राधिकरण ने अनुमति नहीं दी थी. इसको लेकर जमकर राजनीति हुई थी. अखिलेश अपने कार्यकर्ताओं को लेकर वहां पहुंच गए थे. अब जेपी सेंटर विकास प्राधिकरण के हवाले किया गया है। सूत्रों की माने तो इसको चलाने लायक बनाने में अभी करीब 500 करोड़ का खर्च अनुमानित है.
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