प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
Ayodhya PranaPratishta: राम मंदिर उद्घाटन को लेकर अयोध्या में युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. रामनगरी को दिव्य और भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. इसी बीच आज (18 जनवरी) भगवान राम की प्रतिमा को गर्भगृह में क्रेन के जरिए पहुंचा दिया गया है. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जारी अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बड़ा ऐलान किया है.
22 जनवरी को आधे दिन बंद रहेंगे सरकारी दफ्तर
केंद्र सरकार ने पूरे देश में 22 जनवरी को सभी केंद्रीय सरकारी दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया है. केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सरकार ने फैसला लिया है, कि देश के सभी सरकारी दफ्तरों में उस दिन आधे दिन ही काम होगा. दोपहर के बाद दफ्तर बंद रहेंगे. ये फैसला सरकार ने जनभावना को देखते हुए लिया है.
पीएम मोदी ने स्मारक टिकट की पुस्तक भी जारी की
बता दें कि आज (18 जनवरी) को पीएम मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक जारी की. जिसमें भगवान राम मंदिर, भगवान गणेश, हनुमान जी, जटायु, केवटराज और मां शबरी के टिकट शामिल हैं. पीएम मोदी की ओर से जारी किए गए इन टिकटों पर राम मंदिर, रामचरितमानस की चौपाई ‘मंगल भवन अमंगल हारी’ के अलावा सूर्य, सरयू नदी और मंदिर के आसपास की मूर्तियों की आकृति बनी हुई है.
स्टाम्प पुस्तक में 20 देशों के टिकट
इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक स्टाम्प पुस्तक भी जारी की है. जिसमें 48 पन्ने हैं. इस पुस्तक में अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए डाक टिकट शामिल हैं.
मालूम हो कि, 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होगी. लोगों को इस पल का बेसब्री से इंतजार है. तो वहीं इस मौके पर देश भर के सैकड़ों वीआईपी भी मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम को देखते हुए तैयारी तेज गति से आगे बढ़ रही है तो वहीं प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर अनुष्ठान भी शुरू हो गया है. पूरे देश में इसका अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. पूरी अयोध्या नगरी को त्रेतायुग की थीम पर सजाया जा रहा है, क्योंकि इसी युग में भगवान राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
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