पीएम मोदी.
ONOS scheme In India: मोदी सरकार ने कुछ समय पहले ही ‘एक देश-एक सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य भारत के सभी राज्य-आधारित कॉलेजों, शोध संस्थानों और सरकारी संस्थाओं को दुनिया की प्रमुख शोध पत्रिकाओं तक व्यापक पहुंच प्रदान करना है.
इस योजना से राज्य और निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को वैज्ञानिक और मानविकी क्षेत्रों में प्रकाशित प्रमुख शोध पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त होगी, जो अब तक केवल केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INIs) तक सीमित थी.
शोध पत्रिकाओं की संख्या में होगी 62% वृद्धि
इस योजना से केंद्र सरकार की वार्षिक सब्सक्रिप्शन पर खर्च दोगुना हो जाएगा, लेकिन इसके साथ ही प्रमुख शोध पत्रिकाओं की संख्या में 62% की वृद्धि भी होगी. वर्तमान में उपलब्ध पत्रिकाएं लगभग 95% प्रकाशित शोध को कवर करती हैं.
1 जनवरी 2025 से होगी योजना की शुरुआत
योजना के पहले चरण की शुरुआत 1 जनवरी 2025 से होगी, और इसके तहत सभी राज्य और सरकारी संस्थानों को शोध पत्रिकाओं की मुफ्त पहुंच दी जाएगी. अगले चरण में, 2027 में एक समीक्षा के बाद, निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी इस योजना के तहत शामिल किया जा सकता है.
APC फंड से मिलेगा शोधकर्ताओं को लाभ
इस योजना के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल है एर्टिकल प्रोसेसिंग चार्ज (APC) फंड का गठन. इसके लिए सरकार ने ₹150 करोड़ की राशि आवंटित की है. APC वह शुल्क होता है जिसे शोधकर्ताओं को अपनी शोध पत्रिकाओं को ओपन एक्सेस बनाने के लिए चुकाना पड़ता है. इन चार्जेस के चलते कई शोधपत्र सिर्फ सब्सक्राइबर के लिए ही उपलब्ध होते हैं. उदाहरण के लिए, प्रमुख पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक आर्टिकल के लिए APC चार्ज ₹9.1 लाख तक हो सकते हैं. इस फंड का उद्देश्य उन शोधकर्ताओं का समर्थन करना है, जिनके पास ऐसे शुल्क चुकाने की वित्तीय क्षमता नहीं है.
इस योजना से भारतीय शोध जगत को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी और भारतीय शोधकर्ताओं को उन्नत शोध सामग्री और नवीनतम वैज्ञानिक जानकारी तक पहुंच प्रदान होगी.
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