शिवराज सिंह चौहान.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने वर्ष 2025 को ‘गरीबी मुक्त गांव’ बनाने का संकल्प व्यक्त किया. इस दौरान ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
योजनाओं का उद्देश्य और मंत्री का दृष्टिकोण
चौहान ने कहा, “ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाएं केवल योजनाएं नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने का अभियान हैं.”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन को रेखांकित करते हुए कहा कि गांवों के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है.
उन्होंने बताया कि मंत्रालय की योजनाओं का लक्ष्य गांवों को सशक्त बनाकर गरीबी, बेरोजगारी और बुनियादी समस्याओं से मुक्त करना है. इसके लिए सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
– योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन.
– क्षेत्रीय असमानताओं को खत्म करने के प्रयास.
– तकनीकी समाधानों का उपयोग.
– हितधारकों को उनके अधिकारों से अवगत कराना.
– संसाधनों का अधिकतम उपयोग.
महत्वपूर्ण उपलब्धियां और योजनाएं
1. मनरेगा:
– जून 2024 से अब तक 136 करोड़ श्रमदिवस सृजित किए गए.
– करीब 54 लाख कार्य पूरे हुए.
– राज्य सरकारों को 50,467 करोड़ रुपये जारी किए गए.
2. अमृत सरोवर मिशन:
– अब तक 68,000 से अधिक सरोवरों का निर्माण/पुनर्जीवन.
– मिशन का दूसरा चरण (फेज II) जल्द शुरू होगा.
3. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण):
– पिछले 10 वर्षों में 3.45 करोड़ घर बनाए गए.
– मार्च 2025 तक 2 करोड़ नए घरों का निर्माण लक्ष्य.
– औसतन घर बनाने की अवधि 314 दिनों से घटकर 114 दिन हुई.
4. दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM):
– अब तक 10 करोड़ ग्रामीण परिवार संगठित.
– लगभग 1.15 करोड़ महिलाएं बनीं लखपति दीदी.
– 9.84 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण वितरित.
5. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):
– 2014 से अब तक 16.96 लाख युवाओं को प्रशिक्षण.
– 11.02 लाख युवाओं को रोजगार.
6. ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI):
– योजना के तहत अब तक 54 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया.
– 38 लाख से अधिक युवाओं को आयमूलक गतिविधियों से जोड़ा गया.
आवास+ सर्वे और भविष्य की योजनाएं
चौहान ने बताया कि आवास+ सर्वे का कार्य तेजी से चल रहा है और इसे *मार्च 2025 तक पूरा करने* का निर्देश दिया गया है. इसके तहत पात्र परिवार अब मोबाइल से स्वयं सर्वे कर सकते हैं.
राज्यों की भूमिका पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी और मॉनिटरिंग के बिना इन योजनाओं के लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है.” उन्होंने राज्य मंत्रियों से रचनात्मक सुझाव देने और योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग की अपील की.
इस समीक्षा बैठक ने ग्रामीण विकास की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय को और मजबूत किया है.
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