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मोदी सरकार में 50 लाख रुपये से अधिक आय के ITR दाखिल करने वालों की संख्या में 5 गुना बढ़ोतरी

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हुआ है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में सालाना 20 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्तियों, जिन्हें आम तौर पर मध्यम वर्ग (Middle Class) कहा जाता है, पर कर (Tax) का बोझ कम हुआ है, जबकि 50 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों द्वारा चुकाए जाने वाले टैक्स में पर्याप्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

आयकर रिटर्न (Income Tax Return/ITR) दाखिल करने के आंकड़ों के अनुसार, 50 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय दिखाने वाले व्यक्तियों की संख्या 2023-24 में बढ़कर 9.39 लाख से अधिक हो गई है, जो 2013-14 में 1.85 लाख से पांच गुना अधिक है. साथ ही 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों की आयकर देनदारी 2014 में 2.52 लाख करोड़ रुपये से 3.2 गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है.

मध्य वर्ग पर बोझ कम

एक सूत्र ने बताया कि 76 प्रतिशत आयकर 50 लाख रुपये से अधिक की आय वालों से प्राप्त होता है. इससे मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हुआ है. इसके अलावा 50 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले ITR दाखिल करने वालों की संख्या में वृद्धि ‘मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा लागू किए गए मजबूत कर चोरी और काले धन विरोधी कानूनों’ के कारण हुई है.


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सूत्र ने आगे बताया कि 2014 में 2 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले लोगों को आयकर देना पड़ता था, लेकिन मोदी सरकार द्वारा घोषित कई छूटों और कटौतियों के कारण 7 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता.

10 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं से आयकर संग्रह का प्रतिशत 2014 में भुगतान किए गए कुल टैक्स का 10.17 प्रतिशत से घटकर 2024 में 6.22 प्रतिशत हो जाएगा.

आयकर रिटर्न की संख्या

सूत्र के अनुसार, 2.5 से 7 लाख रुपये तक की आय वालों की आयकर देनदारी 2023-24 में औसतन 43,000 रुपये होगी, जो उनकी आय का लगभग 4-5 प्रतिशत है – यह स्तर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है.

सूत्र ने आगे कहा कि आधिकारिक गणना के अनुसार, 10 साल की अवधि में मुद्रास्फीति को समायोजित करने के बाद 10-20 लाख रुपये की सीमा में आय वालों के लिए टैक्स देयता में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है. इसके अलावा लोगों द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या 2013-14 में 3.60 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 7.97 करोड़ हो गई है, जो 121 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.

-भारत एक्सप्रेस



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