Mohan Yadav MP CM: मध्य प्रदेश में 2 तिहाई बहुमत से विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) में जीत दर्ज करने वाली बीजेपी ने आज अपने नए सीएम का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है. विधायक दल की बैठक के दौरान उनके नाम पर सहमति बन गई है और अब शिवराज के बाद अगले सीएम मोहन यादव (Mohan Yadav MP CM) होंगे. मोहन यादव के नाम के जरिए बीजेपी ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में ओबीसी वोटर्स के लिहाज से बड़ा दांव चला है.
मध्य प्रदेश बीजेपी के लिहाज से एक राजनीति विचारधारा का गढ़ हैं. इसके चलते यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जड़ें भी काफी मजबूत हैं. ऐसे में मोहन यादव के नाम का ऐलान करके बीजेपी ने देश की राजनीति में इम्पैक्ट डालने की कोशिश की है. मोहन यादव के बैक ग्राउड की बात करें तो वो संघ परिवार से ही आते हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा था और विधायकों की सहमति के बाद मध्य प्रदेश की कमान मोहन यादव के हाथों में होगी.
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सीएम की रेस में थे कई बड़े नाम
पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक चल रही थी, और उस दौरान ही पार्टी ऑफिस के बाहर प्रह्लाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान के समर्थक नारेबाजी कर रहे थे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम चल रहा था. हालांकि मोहन यादव का नाम सामने आने के साथ ही एक बार फिर बीजेपी ने सभी को चौंकाया है.
मोहन यादव का राजनीतिक सफर
मोहन माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद उन्हें शिवराज सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला. कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैंय 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं. 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं.
शिवराज सरकार में थे मंत्री
संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई. 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने. इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया. 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें. इसके बाद मोहन यादव 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष भी बने. पहली बार 2013 में वह विधायक बने और 2018 में भी पार्टी ने उनपर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे. 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने.
-भारत एक्सप्रेस
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