AAP विधायक अमानतुल्लाह खान.
Delhi Waqf Board Amanatullah Khan: वक्फ बोर्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आरोपी आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 हजार रुपये की निजी मुचलके और एक सियोरिटी पर जमानत दे दिया है। कोर्ट 9 मई को इस मामले में करेगा अगिला सुनवाई करेगा। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने कई बार अमानतुल्लाह खान को पेश होने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन अमानतुल्लाह सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद ईडी के सामने पेश हुए थे। जिनसे पूछताछ के बाद ईडी ने अमानतुल्लाह को छोड़ दिया था। बतादें कि दिल्ली हाइकोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। साथ हाइकोर्ट ने अमानतुल्लाह खान के रवैये पर सवाल खड़ा किया था।
विधायक कानून से ऊपर नहीं है…
कोर्ट ने कहा था कि ईडी द्वारा कई बार समन जारी करने के बावजूद ईडी के अधिकारियों के सामने पेश नही हुए, वह जांच में शामिल नही हुए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि बार-बार समन को नजर अंदाज करके जांच में रुकावट पैदा करने जैसा है। जांच में खलल पैदा करना प्रशासन के न्याय में खलल पैदा करने जैसा है और इसे अनुमति देने पर क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर विश्वास को कम करता है। इससे अराजकता पैदा होती है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि विधायक कानून से ऊपर नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि लोगो को सच जानने का अधिकार है। एक पब्लिक फिगर का जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना कर्तव्य है।
बतादें कि अमानतुल्लाह खान पर 2018-2022 के दौरान वक़्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देने और कर्मचारियों की अवैध भर्ती के मामले में पैसे लेने का आरोप है। जिसकी शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने तीन मामला दर्ज किया था और उसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था। इन्ही दोनों शिकायत के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जिसमे सिलसिले में ईडी अमानतुल्लाह को लगातार समन जारी करती रही उसके बावजूद अमानतुल्लाह ईडी के सामने पेश नही हुए।
अमानतुल्लाह खान के तीन सहयोगी का नाम शामिल
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जो आरोप पत्र दायर किया है उसमें अमानतुल्लाह खान के तीन सहयोगी-जीशान हैदर, दाऊद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी का नाम शामिल है। पिछले साल अक्टूबर में अमानतुल्लाह खान और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी के बाद ईडी ने दावा किया था कि आप विधायक ने दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से कैश के रूप में भारी कमाई की और उसे उसके साथियो के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में निवेश किया।
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