
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. जंगीपुर इलाके में जुटे प्रदर्शनकारियों ने पहले तो नारेबाजी की, लेकिन देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई. उन्होंने सड़कों को जाम किया और पुलिस के रोकने पर झड़प शुरू हो गई.
स्थिति हाथ से निकल गई जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर हमला किया. कुछ गाड़ियों में आग लगा दी गई, जबकि कई अन्य वाहनों को बुरी तरह तोड़ दिया गया. पुलिस पर पथराव भी किया गया, जिससे कई जवान घायल हो गए. हालात को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है. पुलिस ने इलाके में भारी बल तैनात कर दिया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
Murshidabad Waqf Bill Violence : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ बोर्ड संशोधन कानून को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को बड़ा जुलूस निकला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से नोकझोंक हुई. बाद में कुछ शरारती तत्वों ने वाहनों में आग लगा दी.#Murshidabad #WaqfBillProtest… pic.twitter.com/gxqu7aZYbL
— Bharat Express (@BhaaratExpress) April 8, 2025
वक्फ कानून वापस लेने की उठी मांग
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक नया वक्फ कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक उनका विरोध रुकेगा नहीं. उन्होंने इसे मुस्लिम समाज के अधिकारों पर हमला बताया है और कहा है कि यह कानून उन्हें मंजूर नहीं है.
इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बंगाल एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है. मुर्शिदाबाद में मुस्लिम समुदाय के लोग वक्फ कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. ममता बनर्जी राज्य पर से नियंत्रण खो चुकी हैं और अब सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं.”
विवादों में घिरा नया वक्फ कानून
गौरतलब है कि संसद से पास होने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ ही पुराने वक्फ एक्ट, 1995 का नाम बदलकर अब ‘उम्मीद अधिनियम 1995’ कर दिया गया है. इस कानून के खिलाफ देशभर में मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है.
अब तक वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली छह याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है, लेकिन फिलहाल तारीख तय नहीं हुई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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