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‘मौलाना नाम अटकता है’ कहकर Madhya Pradesh के सीएम ने अपने गृह जिले उज्जैन के तीन गांवों का नाम बदला

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक सरकार के रूप में समाज का भी सम्मान करें. अगर जाने-अनजाने में ये नाम रखे गए हैं तो हमारी सरकार इन्हें बदल रही है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने गृह जिले उज्जैन के बड़नगर कस्बे में पड़ने वाली मौलाना पंचायत का नाम बदलकर विक्रम नगर करते हुए कहा, ‘यह नाम अटकता है.’ सीएम यादव सीएम राइज स्कूल के उद्घाटन के लिए बड़नगर में थे, जिसका नाम उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा है.

कार्यक्रम के दौरान सीएम यादव ने तीन पंचायतों के नाम बदलने की घोषणा की. इस तरह गजनीखेड़ी का नाम चामुंडा माता नगर, जहांगीरपुर का नाम जगदीशपुर और मौलाना का नाम विक्रम नगर कर दिया गया.

औद्योगिक विकास

गजनीखेड़ी के नए नाम की घोषणा करने के बाद सीएम ने टिप्पणी की थी, ‘और गजनीखेड़ी के बाद एक और नाम अटकता है… और वह है मौलाना.’ सीएम यादव ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि इस नाम के साथ गांव का क्या संबंध है.’ मौलाना पंचायत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस गांव को उद्यमिता के लिए जाना जाता है, जहां के निवासियों ने अपनी योग्यता के आधार पर निजी क्षेत्र से निवेश के साथ औद्योगिक विकास किया है.

कलम अटक जाती है

उन्होंने कहा, ‘पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में जो मशीनें नहीं मिलतीं, वो मौलाना में मिल जाती हैं. इससे दिल खुश हो जाता है, लेकिन जब नाम लिखने की कोशिश करते हैं तो कलम अटक जाती है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘पहले ये नाम क्यों रखे गए, हमें नहीं पता.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस भूमि के आस्थावानों की अपनी आस्था, स्वाभिमान और सनातन संस्कृति में उनकी आस्था है. इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक सरकार के रूप में समाज का भी सम्मान करें. अगर जाने-अनजाने में ये नाम रखे गए हैं और ये नाम अटके हुए लगते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह हमारी सरकार है जो इन्हें बदल रही है.’

और भी स्थानों के नाम बदलने की उठी मांग

मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस फैसले के बाद अब उज्जैन के कुछ और स्थान के नाम बदलने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. यह मांग जन सामान्य के साथ साधु संतों द्वारा की गई है. महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें बेगम बाग, अंडा गली और तोपखाना के तौर पर पहचाना जाता है. महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा का कहना है कि उज्जैन भगवान शिव की नगरी है, बेगम बाग जैसे नाम प्रासंगिक नहीं हैं. यहां की पहचान महादेव से होनी चाहिए. महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र को महाकाल वन या महाकाल क्षेत्र नाम दिया जाना चाहिए.

स्वागतयोग्य कदम

उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा है कि देवास गेट बस स्टैंड से महाकाल मंदिर तक जाने वाले मार्ग का नाम महाकाल लोक मार्ग किया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री ने जिन तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदले हैं वह स्वागतयोग्य कदम है. उन्होंने कहा कि यहां के पुजारी और साधु संतों ने कहा कि बेगम बाग और अंडा गली का नाम बदलकर वैदिक या किसी वैज्ञानिक के नाम पर रखा जाना चाहिए, उनकी यह वर्षों पुरानी मांग है और इस दिशा में सरकार को सकारात्मक कदम उठाना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस



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