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IIM इंदौर के नवीन कृष्ण राय ने मध्य प्रदेश पुलिस को दी नेगोशीएशन की ट्रेनिंग

“डूअल कन्सर्न माडल” की मदद से नेगोशीएशन की रणनीतियों की व्याख्या करते हुए सत्र का समापन किया गया.

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पुलिस टीम के साथ नवीन कृष्ण राय

नेगोशीएशन पुलिस अधिकारियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कौशल है क्योंकि किसी न किसी कॉन्फ़्लिक्ट का सामना करना उनकी सेवा में एक नियमित गतिविधि है. उन्हें कभी दूसरे लोगों की कॉन्फ़्लिक्ट का समाधान करना होता है तो कभी क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने पर उतारू जनता से होने वाले कॉन्फ़्लिक्ट के समाधान का कोई रास्ता निकलना होता है.

इसे दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाली पुलिस प्रशिक्षण व शोध संस्थान (PTRI) व मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी, भोपाल ने पुलिस अधिकारियों को उनके कौशल को निखारने एवं मज़बूत करने के उद्देश्य से नेगोशीएशन विषय पर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया. ये सत्र उप-निरीक्षकों के लिए उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक हिस्सा था. नवीन कृष्ण राय, प्रबंधक, गवर्न्मेंट अफ़ेर्स, आईआईएम इंदौर ने इन सत्रों को संबोधित किया. सत्र में अधिकारियों को नेगोशीएशन और कॉन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया गया.

नवीन कृष्ण राय ने यह कहते हुए नेगोशीएशन स्किल में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया कि “लोगों को हमेशा वह नहीं मिलता जिसके वे हकदार होते हैं, उन्हें उतना ही मिलता है जितना वे नेगोशीएट कर पाते हैं”. राय ने नेगोशीएशन की विभिन्न शैलियों, चरणों और रणनीतियों के बारे में बात की.

नेगोशीएशन के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बात करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि किसी भी नेगोशीएशन के लिए तैयारी करते समय व्यक्ति को यह बात सोचनी व समझ लेनी चाहिए कि उस नेगोशीएशन के असफल होने की स्थिति में उनके पास दूसरा सबसे अच्छा विकल्प क्या है (best alternative to a negotiated agreement, BATNA) और उन्हें अपने उस विकल्प से कमतर किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहिए.

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अंत में उन्होंने “डूअल कन्सर्न माडल” की मदद से नेगोशीएशन की रणनीतियों की व्याख्या करते हुए सत्र का समापन किया, जो बताता है कि स्वयं के बारे में चिंता और दूसरों के बारे में चिंता ही ऐसे दो कारक हैं जो व्यक्ति को किसी कॉन्फ़्लिक्ट की स्थिति के समाधान की रणनीति चुनने के दौरान प्रमुख भूमिका अदा करते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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