
NCERT ने कक्षा 7 की नई पाठ्यपुस्तकों से मुगल और दिल्ली सल्तनत के अध्याय हटा दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के तहत ये बदलाव किए गए हैं, जो भारतीय परंपराओं, दर्शन और स्थानीय संदर्भों को प्राथमिकता देते हैं. नई किताबों में भारतीय राजवंश, पवित्र भूगोल, महाकुंभ मेला और सरकारी योजनाओं पर फोकस है. NCERT के अनुसार, यह पाठ्यपुस्तक का पहला हिस्सा है, दूसरा हिस्सा जल्द आएगा, लेकिन हटाए गए हिस्सों की वापसी पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया.
मुगल और सल्तनत पर पहले भी कटौती
कोविड-19 के दौरान 2022-23 में NCERT ने मुगल और दिल्ली सल्तनत के हिस्सों को कम किया था. अब नई सामाजिक विज्ञान की किताब ‘Exploring Society: India and Beyond’ में इन्हें पूरी तरह हटा दिया गया. इसके बजाय मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन राजवंशों पर जोर दिया गया है.
पवित्र भूगोल और महाकुंभ का समावेश
नई किताब में ‘पवित्र भूगोल’ अध्याय शामिल है, जो 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्ति पीठों का वर्णन करता है. महाकुंभ मेला, जो 2025 में प्रयागराज में हुआ, उसका भी जिक्र है. इसमें बताया गया कि 66 करोड़ लोग इसमें शामिल हुए, लेकिन भगदड़ में हुई 30 तीर्थयात्रियों की मृत्यु का उल्लेख नहीं है.
सरकारी योजनाओं का प्रचार
पाठ्यपुस्तक में ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल सुरंग’ जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है. एक अध्याय में संविधान पर चर्चा है, जिसमें 2004 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र है, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज फहराना मौलिक अधिकार माना गया.
विवाद और आलोचना
इन बदलावों पर विपक्ष ने ‘पाठ्यपुस्तकों के भगवाकरण’ का आरोप लगाया है. NCERT निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने पहले कहा था कि दंगों जैसे विषय बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. इन बदलावों से पाठ्यक्रम को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विवाद भी बढ़ रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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