
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया स्ट्रीमिंग साइट्स पर बढ़ते अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर गंभीर चिंता जताई है. आयोग ने इस प्रकार की सामग्री की आसान उपलब्धता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह समाज, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों, पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है.
NCW की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल नियामक हस्तक्षेप की मांग की है. आयोग ने इस तरह के कंटेंट को कई कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए चिंता जाहिर की है. इसमें अश्लील प्रतिनिधित्व निषेध अधिनियम (Indecent Representation of Women Act), भारतीय न्याय संहिता (BNS), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) शामिल हैं.
महिला आयोग ने सरकार से किया आग्रह
महिला आयोग ने सरकार से आग्रह किया है कि ऐसे कंटेंट को रोकने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए जाएं और इन प्लेटफॉर्म्स को अश्लील और अनुचित सामग्री की स्ट्रीमिंग या अपलोडिंग से रोका जाए. आयोग ने यह भी कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए *कड़ा सेंसरशिप सिस्टम और कंटेंट मॉडरेशन नीति * लागू की जानी चाहिए ताकि आम जनता, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, ऐसे हानिकारक कंटेंट के प्रभाव से बच सकें.
NCW ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी जल्द से जल्द आयोग को दी जाए ताकि आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके. आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और सम्मान सर्वोपरि है और इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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