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Chandrayaan-3 के लिए अगले दो दिन बेहद खास, अब चांद से केवल इतना दूर

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रही थी और अब यह चांद की सतह को चूमने के अपने मिशन पर निरतंर आगे बढ़ रहा है.

Chandrayaan-3:

Chandrayaan-3: चांद की ओर बढ़ता चंद्रयान-3 (तस्वीर आभार - इसरो)

Chandrayaan-3: कल यानी बुधवार का दिन चंद्रयान-3 के लिए बेहद ही खास रहने वाला है, क्योंकि इस दिन अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा चंद्रयान-3 एक अहम पड़ाव से होकर गुजरेगा. चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की समीपवर्ती ऑर्बिट में पहुंच गया है. कल सुबह तकरीबन साढ़े आठ बजे चंद्रयान-3 को चन्द्रमा के 100 किमी की ऑर्बिट तक पहुंचाने के लिए एक और चरण की प्रक्रिया की जाएगी. वहीं अगले दिन यानी 17 अगस्त को इसरो द्वारा चंद्रयान-3 को प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करने की प्रक्रिया की जाएगी.

सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयारी

चंद्रयान-3 सारी प्रक्रियाओं से गुजरते हुए 23 अगस्त की शाम करीब 5.30 बजे लैंडर चांद की सतह पर लैंड करेगा. वहीं कल से इसरो द्वारा इसकी कक्षा को चंद्रमा की सतह से 100 किमी तक कम करने और सॉफ्ट लैंडिंग कराने की दिशा में प्रक्रिया शुरु की जाएगी. कल ऑर्बिट सर्कुलराइजेशन यानी चंद्रयान-3 का रास्ता ज्यादा सर्कूलर बनाने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया जिसमें अंतरिक्ष यान के इंजनों का इस्तेमाल करके इसे एक फिक्स तरीके से धकेला जाता है शुरु की जाएगी. इसके बाद चंद्रयान-3 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयारी करेगा.

14 जुलाई को किया गया था लॉन्च

चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रही थी और अब यह चांद की सतह को चूमने के अपने मिशन पर निरतंर आगे बढ़ रहा है. 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. चांद की सतह पर अमेरिका, रूस और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर नहीं हुई थी.

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मिशन सफल होने पर भारत के नाम होगी ये उपलब्धि

अगर इसरो का मिशन चंद्रयान-3 सफल हो जाता है, तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि यान का इंजन खराब होने पर भी यह चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करेगा.



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