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Rajasthan: NGT ने चंबल को प्रदूषित करने के मामले में कोटा के तीन उद्योगों को नोटिस जारी कर 9 जनवरी तक मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जाजू के निवेदन पर कोटा के तीन उद्योगों को प्रदूषण फैलाने में आवश्यक पक्षकार मानते हुए विपक्षी पक्षकार कायम करने पर स्वीकृति प्रदान की है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चंबल को प्रदूषित करने के मामले में कोटा के तीन उद्योगों को नोटिस जारी कर 9 जनवरी तक जवाब मांगा है. यह नोटिस न्यायिक सदस्य न्यायाधिपति शिवकुमार सिंह, न्यायिक सदस्य एवं डॉक्टर ए. सेंथिल विशेषज्ञ सदस्य की बेंच ने जारी किया है.

पर्यवरणविद्द बाबूलाल जाजू की है याचिका

याचिका पर्यवरणविद्द बाबूलाल जाजू ने अधिवक्ता दीक्षा चतुर्वेदी के माध्यम से दायर की है. बेंच ने जाजू के निवेदन पर कोटा के तीन उद्योगों को प्रदूषण फैलाने में आवश्यक पक्षकार मानते हुए विपक्षी पक्षकार कायम कर नोटिस जारी कर 9 जनवरी तक जवाब मांगा है. एनजीटी ने डीसीएस, श्रीराम रेयॉन्स श्रीराम नगर और मैसर्स कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (Kota Super Thermal Power Station) सकतपुरा को विपक्षी पक्षकार कायम करने पर स्वीकृति प्रदान की है.


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पानी को साफ करके चंबल में छोड़े जाने के दिए थे निर्देश

एनजीटी की याचिका संख्या 318/2014 बाबूलाल जाजू बनाम राजस्थान राज्य व अन्य में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच ने गंदे नालों को देश की एक मात्र घड़ियाल सेंचुरी चंबल में जाने से रोककर नालों के पानी को एसटीपी प्लांट लगाकर पानी को साफ करके ही चंबल में छोड़े जाने के निर्देश दिए थे. जिसपर कोटा प्रशासन, स्थानीय निकायों और प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा एकमात्र एसटीपी प्लांट लगाया गया है, जो पूरी तरह से कार्य भी नहीं कर रहा है. सरकार के करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद लगभग 15 प्रतिशत पानी का शोधन ही हो रहा है, बाकी सीधे नदी में जा रहा है. जिससे सड़ांध की बदबू आ रही है. इसको लेकर 10 साल पहले भी आदेश पारित किया गया था, लेकिन कोटा प्रशासन ने आदेश का पालन नही किया है. बता दें कि कुछ औद्योगिक इकाइयों द्वारा गर्म व प्रदूषित पानी चोरी छिपे सीधे चंबल में छोड़ा जा रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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