NIA (फाइल फोटो)
Phulwari Sharif PFI Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को कहा कि उन्होंने फुलवारी शरीफ पीएफआई मामले में बिहार के पूर्वी चंपारण के मेहसी के मोहम्मद इरशाद आलम को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने कहा कि 27 सितंबर, 2022 को पीएफआई पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद, पीएफआई नेता हिंसक चरमपंथ की विचारधारा का प्रचार करते रहे और अपराध करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था भी कर रहे थे.
2022 में दर्ज किया गया था मामला
मामला जुलाई 2022 में दर्ज किया गया था, जब चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि वे पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में प्रशिक्षण और आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए थे. इस साल फरवरी में तीन और गिरफ्तार किए गए थे.
फुलवारी शरीफ और मोतिहारी में पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने बिहार में गुप्त तरीके से पीएफआई की गतिविधियों को जारी रखने की कसम खाई थी और हाल ही में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक विशेष समुदाय के एक युवक को मारने करने के लिए बंदूक और गोला-बारूद की व्यवस्था भी की थी.
सोशल मीडिया पर किए थे आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट
वहीं इस मामले में अधिकारी ने कहा, आलम, जिसे कल गिरफ्तार किया गया है, आरोपी याकूब खान उर्फ उस्मान उर्फ सुल्तान, पीएफआई के शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक के साथ घनिष्ठ संबंध में था. याकूब खान ने सांप्रदायिक भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट किए थे. इसके बाद याकूब ने मोहम्मद इरशाद आलम और अन्य सहयोगियों के साथ, एक लक्षित हत्या को अंजाम देने की योजना बनाई थी.
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गोला बारूद की भी व्यवस्था
हमले को अंजाम देने के लिए इरशाद की मदद ली थी. अन्य गिरफ्तार आरोपियों की मदद से याकूब खान द्वारा आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद की भी व्यवस्था की गई थी. अधिकारी ने कहा कि अब तक उन्होंने इस सिलसिले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले, इस साल जनवरी में एजेंसी ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
–आईएएनएस