Bharat Express DD Free Dish

वैश्विक दक्षिण के लिए सतत विकास का नेतृत्व कर रहा है भारत: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत एक अग्रणी उभरती हुई अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर प्रभाव पैदा करने वाले देश के रूप में न केवल अपने लिए, बल्कि उन सभी देशों के लिए परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है जो समान विकास की आकांक्षाएं रखते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत एक अग्रणी उभरती हुई अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर प्रभाव पैदा करने वाले देश के रूप में न केवल अपने लिए, बल्कि उन सभी देशों के लिए परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है जो समान विकास की आकांक्षाएं रखते हैं.

वह ब्राजील में आयोजित ‘गवर्नर्स सेमिनार’ को संबोधित कर रही थीं, जिसका विषय था “ग्लोबल साउथ के लिए सतत विकास के वित्तपोषण की चुनौतियां”. उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए फंडिंग केवल संसाधन जुटाने का मामला नहीं है, बल्कि यह निष्पक्षता, विश्वास और नेतृत्व के निर्माण से भी जुड़ा है.

भारत के लिए विकास की गति बढ़ाना जरूरी है- सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि भारत के लिए विकास की गति बढ़ाना जरूरी है ताकि करोड़ों लोगों को आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें. साथ ही, उन्होंने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों जैसे हीटवेव, जल संकट और चरम मौसम की घटनाओं पर भी चिंता जताई. उन्होंने बताया कि भारत ‘नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन’ और राज्य स्तरीय जलवायु योजनाओं के जरिए इन मुद्दों को हल करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है.

असली चुनौती विकास और स्थिरता के बीच नीतियां बनाने की है- वित्त मंत्री

वहां वित्त मंत्री ने आगे कहा “असली चुनौती विकास और स्थिरता के बीच चयन करने की नहीं है, बल्कि ऐसी नीतियां बनाने की है जो समावेशी विकास को बढ़ावा दें और सतत विकास को मजबूती दें, खासकर उभरते बाजारों और विकासशील देशों के साथ साझेदारी में मजबूती दें.

डिजिटल और वित्तीय समावेशन की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया

उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद विकासशील देशों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लिए वित्तपोषण का अंतर सालाना 4.2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जो वैश्विक महत्वाकांक्षाओं और जमीनी हकीकत के बीच बढ़ती खाई को दर्शाता है.

सीतारमण ने भारत की डिजिटल और वित्तीय समावेशन की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि UPI, आधार और जनधन जैसी योजनाओं ने अंतिम व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाई हैं. साथ ही, ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट फाइनेंस के क्षेत्र में भारत ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड, ESG डिस्क्लोजर और टैक्सोनॉमी जैसे कदमों से एक मजबूत नींव तैयार की है.

उन्होंने ये भी कहा कि भारत एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां एक अरब लोगों की उम्मीदें और तेजी से बदलते पर्यावरण की जरूरतें एक साथ मिल रही हैं. भारत ने यह दिखाया है कि पैमाना और गति एक साथ कैसे काम कर सकते हैं.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read