ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
MP News: मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सातवां संस्करण, GIS-2023 12 जनवरी 2023 को इंदौर में संपन्न हुआ है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में उल्लेखनीय संख्या में बी2बी और बी2जी बैठकें, विक्रेता विकास कार्यक्रम, सेक्टोरल सत्र और प्रमुख उद्योगपतियों और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की वन-टू-वन बैठकें हुईं. इस बैठक के दौरान निवेशकों ने 15.42 लाख करोड़ रुपये के निवेश की वचन बद्धता करके राज्य के उद्योग अनुकूल वातावरण में विश्वास जताया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवेशकों की इस प्रतिबद्धता का स्वागत कर एवं उन पर भरोसा जताते हुए घोषणा की कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित और अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को तीन साल की अवधि के लिए मंजूरी लेने से छूट दी जाएगी.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह भी घोषणा की कि उक्त अवधि के दौरान औद्योगिक इकाइयों में कोई भी निरीक्षण नहीं किया जाएगा. वहीं, इस संबंध में राज्य सरकार ने 27 जनवरी 2023 को ‘उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अध्यायदेश, 2023’ नाम से एक अध्यादेश जारी किया है.
अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार प्रमुख विशेषताएं:
-प्रयोज्यता: अध्यादेश सभी औद्योगिक क्षेत्रों, एमएसएमई और आईटी क्लस्टर्स पर लागू होगा.
-पंजीकरण: निवेशकों को राज्य के सिंगल विंडो सिस्टम अर्थात इन्वेस्ट पोर्टल https://invest.mp.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना होगा.
-इंटेंशनटुइन्वेस्ट: सफल पंजीकरण के बाद, आवेदक को ‘इंटेंशनटुइन्वेस्ट’ के लिए आवेदन करना होगा. एक बार जब निवेशक ‘इंटेंशनटुइन्वेस्ट’भर देता है, तो उसे ‘तीन साल की अवधि के लिए अनुमोदन और निरीक्षण की छूट’ चुनने का विकल्प प्रदान किया जाएगा.
-अभिस्वीगकृति प्रमाण-पत्र: निवेशक द्वारा जमा किए गए इंटेंशनटुइन्वेस्ट’ की जांच के उपरांतअभिस्वी कृति प्रमाण-पत्र (Acknowledgement Certificate) जारी किया जाएगा.
-अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र का प्रभाव: अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर, निवेशक औद्योगिक इकाई का निर्माण शुरू कर सकता है. प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि के दौरान निवेशक को किसी भी चिन्हित अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही कोई भी सक्षम प्राधिकारी अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि के दौरान औद्योगिक इकाई में कोई निरीक्षण नहीं करेगा.
-‘राज्य स्तहरीय साधिकार समिति (एस एल ई सी): मध्य प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के अंतर्गत एक ‘राज्य स्ततरीय साधिकार समिति (एस एल ई सी) के गठन का प्रावधान किया है, जो –
-ऐसे क्षेत्र अधिसूचित कर सकेगी जिनके अंतर्गत कोई औद्योगिक इकाई स्थापित और संचालित होने के अधीन अभिस्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की अर्हता रखती है.
-औद्योगिक इकाईयों को अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में सहायता करेगी.
-किसी औद्योगिक इकाई और सक्षम प्राधिकारी के मध्यक विवाद की स्थिति में सौहाद्रपूर्ण समझौता कराएगी.
इस निवेशक अनुकूल प्रणाली के कार्यान्वयन से निवेशकों को इंटेंशनटुइन्वेस्ट के आवेदन के फलस्वरूप जारी किए गए अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र के आधार पर औद्योगिक इकाइयों के निर्माण को शुरू एवं बिना किसी अड़चन के शीघ्र,पूरा करने में मदद मिलेगी. यह पावती प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख से 3 साल की अवधि के लिए विभिन्न राज्य विभागों से कई अनुमतियां, मंजूरी या अनुमोदन लेने की आवश्यकता को समाप्त कर देगा.
इंटेंशनटुइन्वेस्ट के आवेदन एवं अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया न्यूनतम ह्यूमनइंटरफेस के साथ सहज तरीके से की जाएगी.
उद्योग विभाग इस नई पहल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एमएसएमई विभाग और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर काम करेगा और निवेशकों को अध्यादेश के प्रावधानों की विशेषताओं एवं सम्बंधित प्रक्रिया को समझने में मदद करेगा, जिससे वह इस पहल का अधिकतम लाभ उठा सकें.
यह अध्यादेश राज्य के औद्योगिक विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. यह निवेशकों पर अनुपालन बोझ कोकम करेगा एवं निवेशकों और सरकार के बीच आपसी विश्वास को बढ़ावा देगा.
-भारत एक्सप्रेस