सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Board Exams Twice A Year: अब साल में एक बार नहीं बल्कि दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे. इस बात की घोषणा बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत नया पाठ्यक्रम तैयार है. इसके लिए कई तरह की कि किताबें आने वाले दिनों में विकसित की जाएंगी. बताया गया कि अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी. ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले. इसके बाद छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिनके लिए वे तैयार महसूस करते हैं.
दो भाषाओं का अध्ययन अनिवार्य
एनसीएफ के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नए पाठ्यक्रम में कक्षा 11 और 12 में, छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा और उनमें से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए. बोर्ड परीक्षाओं को “आसान” बनाने के लिए, परीक्षा में महीनों की कोचिंग और याद करने के बजाय दक्षता का आकलन किया जाएगा. कक्षा 11 और 12 में विषयों का चयन कला, विज्ञान और वाणिज्य जैसी धाराओं तक ही सीमित नहीं रहेगा. इतना ही नहीं समय के साथ, स्कूल बोर्डों को उचित समय में मांग पर परीक्षा देने की क्षमता विकसित करनी होगी.
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भारतीय भाषा में शिक्षा को प्राथमिकता
वर्तमान में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए केवल एक भाषा का अध्ययन अनिवार्य है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, भारतीय भाषाओं में शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है. एक छात्र अब दो भाषाओं का अध्ययन करेगा, जिनमें से कम से कम एक भारत की मूल भाषा हो. दो भाषाओं के अलावा, छात्र तीन समूहों में से कम से कम दो में से चार विषयों का चयन करेंगे.