सीएम भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो)
CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद अब पुरानी सरकार के तमाम फैसलों को पलटा जा रहा है. जिसमें अब सीएम भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक और फैसले को पलट दिया है. सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने फैसले में कहा है कि अब सीबीआई को राज्य में किसी भी अपराध की जांच करने के लिए सरकार की सहमति लेने की जरूरत नहीं होगी. पहले राज्य में किसी भी अपराध की जांच करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति जरूरी थी.
अशोक गहलोत ने 2020 में वापस ली थी सहमति
बता दें कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने साल 2020 में सीबीआई पर विपक्षी दलों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए जांच एजेंसियों से सामान्य सहमति वापस ले ली थी. जिसके बाद से प्रदेश में किसी भी तरह के अपराध की जांच करने से पहले सरकार की मजूरी लेना जरूरी था. अगर सरकार ने सहमति देने से इनकार कर दिया तो सीबीआई मामले की जांच नहीं कर सकती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. राजस्थान के अलावा अभी भी आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढञ और तमिलनाडु में ये नियम लागू है. जहां पर किसी भी मामले की जांच करने से पहले सरकार की अनुमति जरूरी है.
सीएम भजनलाल ने पलटा फैसला
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मीडिया विभाग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि अब CBI को राज्य में किसी भी मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य नहीं है. इस मामले में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. जिससे CBI अब प्रभावी और त्वरित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी.
जांच के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगी CBI
अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व सरकार की तरफ से सीबीआई को जांच के लिए सामान्य सहमति का निर्णय सरकार ने वापस ले लिया था. इससे जांच में देरी और अपराध के सबूतों को नष्ट करने की संभावना काफी हद तक बढ़ गई थी. अब इस फैसले को मुख्यमंत्री ने बदल दिया है. जिससे अपराधियों पर कार्रवाई के लिए सीबीआई पूरी तरह से स्वंतत्र होगी.
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गौरतलब है कि इससे पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने गहलोत सरकार में चलाए गए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को भी बंद करने का फैसला लिया था. इस योजना में करीब 5 हजार युवा सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे थे.
-भारत एक्सप्रेस
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