नूंह हिंसा (फोटो फाइल)
Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की रैलियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विहिप और बजरंग दल द्वारा निकाले जा रहे मार्च के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कोई घृणा भाषण न दिया जाए और ना ही किसी तरह की हिंसा हो.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस.वी. भट्टी की बेंच ने यह आदेश दिया कि अतिरिक्त पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं और संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. वहीं पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों विहिप और बजरंग दल द्वारा एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में 23 प्रदर्शनों की घोषणा की गई है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने यह आदेश पारित किया है.
हिंसा में 6 लोगों की मौत
बता दें कि 31 जुलाई को भीड़ द्वारा विहिप के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो होमगार्ड सहित 6 लोग मारे गए हैं. राज्य सरकार के अनुसार, अब तक हिंसा के संबंध में 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी ने क्या कहा
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर हरियाणा के DGP पी.के. अग्रवाल ने कहा कि हमने 116 लोगों के अतिरिक्त 90 लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ चल रही है. संलिप्तता पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. सोहना और बादशाहपुर में कुछ आगजनी की घटना हुई है जिसमें सख्त कार्रवाई की जा रही है.दोषियों की पहचान हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से पैरामिलिट्री की 20 कंपनी आई हैं जिसमें से 14 कंपनी को नूंह में तैनात किया है और करीब 28 कंपनी राज्य पुलिस की हैं जिनको अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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