
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए रणनीतिक संचालन की समीक्षा के दौरान कोणार्क कोर के कमांडरों और सैनिकों की व्यावसायिकता, उच्च मनोबल और योजनाबद्ध कार्रवाई की सराहना की.
उन्होंने सेना की सम्मानपूर्ण परंपराओं और भविष्य की चुनौतियों से निर्णायक शक्ति के साथ निपटने की तत्परता को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना की प्रतिबद्धता को दोहराया.
जनरल द्विवेदी ने भीषण गर्मी और कठोर रेगिस्तानी परिस्थितियों में सेवा दे रहे जवानों और महिला सैनिकों के साहस और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह देश के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने सैनिकों से बातचीत करते हुए गर्जना में “शाबाश!” कहा, जो उनके पराक्रम और अदम्य संकल्प का प्रतीक बना.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत, भारतीय सेना ने वायुसेना (IAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ मिलकर निगरानी संसाधनों और वायु रक्षा प्रणालियों की त्वरित तैनाती की. सुसंगठित हथियार प्रणाली और नागरिक प्रशासन के सहयोग से संभावित खतरों का प्रभावी रूप से मुकाबला किया गया और इलाके पर पूरी तरह नियंत्रण सुनिश्चित किया गया.
सेना प्रमुख ने सीमा क्षेत्र में दुश्मन ड्रोन घुसपैठ को विफल करने की तत्परता और सजगता के लिए सैनिकों की सराहना की और कहा कि उनके कारण कोई भी शत्रु दुस्साहस सफल नहीं हो सका.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.