पदम पुरस्कार से सम्मानित होनी वाली शख्सियत
सौरभ अग्रवाल। वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र के कश्मीरीगंज इलाके में रहने वाले गोदावरी सिंह को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई। गोदावरी सिंह 85 वर्ष पूरे कर चुके हैं और बीते 67 सालों से लकड़ी का खिलौना बना रहे है। यह उनका पुश्तैनी कारोबार है। उनके दादा और उसके बाद पिता भी काष्ठ कला से जुड़े हुए थे। अब उनके बेटे, पोते और बहू भी काष्ठ कला को आगे बढ़ाने में जुटे है। पद्म सम्मान को लेकर गोदावरी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने काशी की काष्ठ कला को बड़ा प्लेटफार्म दिलाया है। काष्ठ कला को देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी पहचान मिल रही है।
काशी के दो कला साधकों को पद्म सम्मान
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कला के दो साधकों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इसमें काष्ठ कला से जुड़े गोदावरी सिंह और संगीतज्ञ सुरेंद्र मोहन मिश्रा को पद्म सम्मान के लिए चुना गया है। काशी के दो कलाकारों को पद्म सम्मान के लिए चुने जाने से कला साधकों के साथ ही कला प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।
संगीतज्ञ पं सुरेंद्र मोहन मिश्र को मरणोपरांत पद्म सम्मान
संगीत कला के क्षेत्र में पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र को मरणोपरांत पद्म सम्मान दिए जाने की घोषणा हुई है। वाराणसी के लक्सा क्षेत्र के रामापुरा के रहने वाले पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा का निधन बीते 19 नवम्बर को हुआ था। पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा को जानने वाले बताते हैं कि उन्हें कई बार सम्मानित करने का प्रयास किया गया, लेकिन वो सम्मान लेने से इनकार कर देते थे। वहीं पद्म पुरस्कारों में इनका नाम आने से पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्रा की विरासत को आगे बढ़ा रहे परिवारजनों में खुशी का माहौल है।
काष्ठ कला से जुड़े कलाकारों में जबरदस्त उत्साह
काष्ठ कला से जुड़े गोदावरी सिंह को पद्म सम्मान मिलने से लकड़ी के खिलौने बनाने में लगे कलाकार उत्साहित है। काष्ठ कला से जुड़े कलाकारों की मानें तो मोदी और योगी सरकार ने उनकी विलुप्त होती कला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला दी और अब उनके बीच के कलाकार को पद्म सम्मान मिलने से उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
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