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Bihar News: RLJP प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने NDA से तोड़ा नाता, बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने NDA से नाता तोड़ते हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया.

Pashupati Kumar Paras, Bihar News

Bihar News: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग हो रही है. बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पारस ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2014 से NDA के प्रति वफादारी निभाई, लेकिन दलित समुदाय से जुड़े होने के कारण उनकी पार्टी के साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया. यह फैसला बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है.

‘सम्मान नहीं मिला, मजबूरन लिया फैसला’

पारस ने बताया कि RLJP ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. इसके साथ ही, उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान शुरू करने की भी घोषणा की. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर महागठबंधन (कांग्रेस, RJD और वामपंथी दलों का गठबंधन) उनकी पार्टी को उचित सम्मान और सही मौका देता है, तो भविष्य में वह उनके साथ गठबंधन पर विचार कर सकते हैं.

पारस ने भावुक अंदाज में कहा, “हमें मजबूर किया गया. अब हम जनता के बीच जा रहे हैं. हमने सदस्यता अभियान शुरू किया है और सभी 243 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. अगर महागठबंधन सही समय पर हमें सम्मान देता है, तो हम भविष्य में राजनीतिक रास्ता जरूर तलाशेंगे.”

‘बिहार में ‘पांच पांडव’, मगर हमारे लिए जगह नहीं’

उन्होंने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 6-8 महीनों में बिहार में एनडीए की बैठकों में बीजेपी और जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के नेताओं ने खुद को “पांच पांडव” कहकर प्रचारित किया, लेकिन RLJP का जिक्र तक नहीं किया. “जब भी बिहार में एनडीए की बैठक होती थी, बीजेपी और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष कहते थे कि बिहार में हम ‘पांच पांडव’ हैं. उन्होंने हमारी पार्टी का नाम कहीं नहीं लिया,” पारस ने दुख जताते हुए कहा.

पारस ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनावों में RLJP ने राष्ट्रीय हित में एनडीए का समर्थन किया था, लेकिन उनकी पार्टी को वह सम्मान नहीं मिला जिसकी वह हकदार थी. उन्होंने कहा, “2014 से मैं एनडीए के साथ था. हमने पूरी निष्ठा से गठबंधन निभाया. लेकिन लोकसभा चुनाव में एनडीए ने हमारी पार्टी के साथ नाइंसाफी की, क्योंकि हम दलितों की आवाज उठाते हैं. फिर भी, देशहित में हमने एनडीए का साथ दिया.”

बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर के बीच होने की संभावना है, हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. इस बार चुनाव में एक तरफ एनडीए होगा, जिसमें नीतीश कुमार की जद(यू) और बीजेपी शामिल हैं, तो दूसरी तरफ महागठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल एकजुट हैं. RLJP के इस फैसले से बिहार की सियासत में नया मोड़ आने की संभावना है.


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-भारत एक्सप्रेस



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