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Economic Jihad: आतंकियों ने फिर अपनाया पुराना घिनौना पैंतरा! पहलगाम से पहले इस देश में मारे थे 202 पर्यटक

Terrorism Effect on Tourism: पहलगाम में पर्यटकों पर हमला कश्मीर के टूरिज्म-इकोनॉमी को बर्बाद करने की साजिश था. दुनिया में इस्लामिक आतंकवादियों ने इसी तरह कई दफा हमले किए. देखना ये होगा कि इस बार भारत क्या सबक सिखाता है.

Pahalgam Terror Attack

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 28 पर्यटकों को मार दिया. इस घटना से पूरा देश गुस्से में है. आज बिहार की धरती से प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को खुली चुनौती देते हुए कहा- ‘पूरी दुनिया को बता रहा हूं…आतंकवादियों को ऐसी सजा देंगे, जिसकी कल्‍पना भी नहीं की होगी’

इस समय भारत की तीनों सेनाएं हाई-अलर्ट पर हैं. दूसरी ओर, पाकिस्‍तानी सेना भी बीती रात खौफ में थी, उसके फाइटर जेट वहां के बड़े शहरों के उूपर उड़ान भरते रहे.

बहरहाल, भारत में लोग पहलगाम आतंकी हमले के पीडि़तों के प्रति शोक-संवेदनाएं जाहिर कर रहे हैं. हमला बड़ा वीभत्‍स था, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं, और अधिकतर लोग उसी बारे में बात कर रहे हैं. वैसे, पर्यटकों पर आतंकी हमले का ये कोई पहला मामला नहीं है. साल 2002 में बाली (2002 Bali Bombings) में ऐसी ही घटना हुई थी. जब आतंकियों ने 202 लोगों को मार दिया था.

पर्यटकों पर हमला आतंकियों का आसान टारगेट

पर्यटकों पर गोलियां बरसाकर, उन्‍हें बेरहमी से मारना आतंकवादियों का अपनाया जाने वाला पुराना पैंतरा है, जिससे आतंकी पर्यटकों के बहाने उस इलाके के डेवलपमेंट और इको टूरिज्म की अर्थव्यवस्था पर सीधा वार करते हैं. हालांकि, पहलगाम में हुए आतंकी हमला इस मामले में अलग है, क्योंकि पर्यटकों उनका मजहब पूछकर, उनके मुंह से ‘हिंदू’ लफ्ज सुनकर उन्‍हें मारा गया है.

बम धमाके से बाली का पर्यटन हुआ था प्रभावित

साल 2002 के अक्टूबर में बाली के कुटा क्षेत्र में दो बम विस्फोट हुए. इसमें 202 लोगों की मौत हो गई और 209 घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी जेमाह इस्लामिया नामक आतंकवादी संगठन ने ली थी. आतंकी संगठन जेमाह इस्लामिया (Jemaah Islamiyah) एक दक्षिण-पूर्व एशियाई इस्लामिक चरमपंथी संगठन है, जिसका संबंध अल-कायदा से भी था. बाली में हुए बम विस्फोट ने पूरी दुनिया को ये दिखा दिया कि आतंकवादी कहीं भी, किसी पर हमला कर सकता है. इस दर्दनाक घटना ने न केवल सैकड़ों जिंदगियों को प्रभावित किया, बल्कि बाली में पर्यटन की दुनिया को भी झकझोर दिया.

मोरक्को में भी पर्यटकों का खून बहाया गया था

बाली में इसका प्रभाव ये हुआ कि पर्यटन में भारी गिरावट आई. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था चरमरा गई. इतना ही नहीं लोगों में भय का माहौल बन गया. लेकिन बाली धीरे-धीरे बाहर निकला. आज भी बाली पर्यटन का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. बाली ही नहीं इमलिल, मोरक्को में दिसंबर साल 2018 में डेनमार्क और नॉर्वे की दो महिला पर्यटकों की मोरक्को के एटलस पर्वत पर मार दिया गया. आतंकवादियों द्वारा ये हत्या की गई.

पहलगाम हमला : टूरिज्म इकोनॉमी पर वार

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि आतंकवादियों ने सैलानियों को निशाना बनाया है. इसकी वजह भी साफ है. आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर की घाटी को अस्थिर करने के साथ ही टूरिज्म इकोनॉमी पर वार किया है. आतंक के आकाओं का एक मंसूबा ये भी था कि जैसा बाली के बम विस्फोट का असर वहां के पर्यटन पर हुआ. इसमें भारी गिरावट आई. वैसा ही असर जम्मू-कश्मीर में हो. ​यहां डर और आतंक के कारण पर्यटक न आएं और पर्यटन उद्योग चौपट हो जाए.

J&K: अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग टूरिज्म

दरअसल, कश्मीर में पर्यटन उद्योग जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में लगभग 7.4% का योगदान देता है. हालांकि, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने इस क्षेत्र के पर्यटन पर गंभीर प्रभाव डाला है.

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2024 में जम्मू-कश्मीर में आया बड़ा निवेश

साल 2023 में पर्यटक के आगमन की बात करें, तो जम्मू-कश्मीर में कुल 2.11 करोड़ पर्यटक आए, जिसमें जम्मू क्षेत्र में 1.80 करोड़ और कश्मीर में 27 लाख से अधिक पर्यटक शामिल थे. ​वहीं, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में जम्मू-कश्मीर की औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.81% रही, जो राष्ट्रीय औसत 7.77% से थोड़ी अधिक है. जम्मू-कश्मीर में निवेश की बात करें, तो दिसंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर को ₹1.63 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ.

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अब बंद होगा पाकिस्तान का हुक्का-पानी!

शायद उनको ये नहीं पता की ये नया भारत है. पीएम मोदी साफ शब्दों में कह चुके हैं. ये नया भारत है, हम किसी को छेड़ते नहीं हैं और किसी ने छेड़ा तो उसे छोड़ते भी नहीं हैं. पहलगाम में हुए हमले को लेकर उन्होंने पूरी दुनिया के कहा- आतंकवाद को सजा देंगे… यही कारण है कि भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद कर दिया है.

पीएम मोदी ने भारत-पाक सिधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिया है. यही नहीं अटारी चेक पोस्ट और पाकिस्तानी उच्चायोग बंद करने का भारत ने फैसला लिया है.

कई लोग कह रहे हैं कि- आतंकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करने के बाद भारत अब पाक को आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक मोर्चे पर भी गहरी चोट दी है. पाकिस्तान के हुक्मरान के होश फाख्ता हैं. अब देखना ये है कि भारत, पाक की इस नापाक हरकत को लेकर और क्या कुछ कदम उठाता है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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