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PFI Banned: मायावती ने पीएफआई पर पाबंदी को चुनावी राजनीति से जोड़ा ,कहा -ये RSS का तुष्टीकरण है

PFI Banned: मायावती ने पीएफआई पर पाबंदी को चुनावी राजनीति से ज़ोड़ा ,कहा -ये RSS का तुष्टीकरण है

मायावती ने पीएफआई पर पाबंदी को चुनावी राजनीति से जोड़ा

लखनऊ- केंद्र सरकार ने PFI (पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया)   को 5 सालों के लिए बैन कर दिया है. इस पर सभी राजनीतिक पार्टियों और मुस्लिमों धर्मगुरुओं की प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री औऱ बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी पीएफआई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

PFI Banned: बीजेपी की केंद्र सरकार के ऊपर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा कि,  पीएफआई समेत आठ संगठनों को प्रतिबंधित किया है, उससे राजनीतिक स्वार्थ और संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर लोगों में बेचैनी है.

केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है.

उतर-प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया. मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि केन्द्र द्वारा PFI  पर देशभर में कई प्रकार से टारगेट करके आखिरकार अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ और संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहां लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है.

बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने अपने इस पोस्ट में आगे लिखा.. यही कारण है कि विपक्षी पार्टियाँ सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित और लगातार हमलावर हैं.  जिसके बाद आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?

बता दें देशभर में एनआईए द्वारा PFI के ठिकानों पर छापेमारी के बाद इसके देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर गृह मंत्रालय ने बुुधवार को इसे 5 सालों के लिए बैन कर दिया था. गृह मंत्रालय ने इस संगठन को देश के लिए खतरा बताया था और इसकी संदिग्ध एक्टिविटी के आधार पर इसे प्रतिबंधित किया गया है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और देश की राजनितिक दल लगातार बयान जारी कर रहे हैं.

-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस

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