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PM मोदी ने वोट के बदले नोट केस पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को बताया महान, किया स्वागत

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना करते हुए पीएम ने एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना की है.

पीएम-मोदी

सुप्रीम कोर्ट ने आज वोट के बदले नोट केस पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. ‘वोट फॉर नोट केस’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देने पर विधायक-सांसद के खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला दिया ह और कहा है कि, उन्हें कानूनी छूट नहीं मिलेगी. कोर्ट ने अपने फैसले में  कहा कि कोई सांसद या विधायक संसद/विधानसभा में वोट/भाषण के संबंध में रिश्वतखोरी के आरोप में अभियोजन से छूट का दावा नहीं कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वागत किया है.

पीएम मोदी ने की फैसले की सराहना

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की सराहना करते हुए पीएम ने एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा, “स्वागतम! माननीय सर्वोच्च न्यायालय का एक महान निर्णय जो स्वच्छ राजनीति सुनिश्चित करेगा और सिस्टम में लोगों का विश्वास गहरा करेगा.”

यह फैसला CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जेबी पारदीवाला, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सर्व सहमति से सुनाया है. वहीं पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के साथ सुप्रीम कोर्ट और सातों न्यायधीशों की तस्वीर भी शेयर की है.

कोर्ट ने खारिज किया पूर्व में लिया यह फैसला

सुप्रीम कोर्ट की सात-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने सर्वसम्मत विचार से 1998 के पीवी नरसिम्हा राव फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें सांसदों/विधायकों को संसद में मतदान के लिए रिश्वतखोरी के खिलाफ मुकदमा चलाने से छूट दी गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम पीवी नरसिम्हा के फैसले से असहमत हैं. पीवी नरसिम्हा मामले में फैसले से विधायकों को वोट देने या भाषण देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने से छूट मिलती है, जिसके “व्यापक प्रभाव होंगे और इसे खारिज कर दिया जाएगा.” सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि विधायकों द्वारा भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को नष्ट कर देती है.



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