
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा.
Dalai Lama Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिब्बती आध्यात्मिक गुरु, 14वें दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उन्हें “प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का प्रतीक” बताया. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए दलाई लामा के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की.
पीएम मोदी ने Dalai Lama को दी शुभकामनाएं
उन्होंने लिखा, “मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ मिलकर उनके 90वें जन्मदिन पर परम पूज्य दलाई लामा को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. वे प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के प्रतीक रहे हैं. उनका संदेश सभी धर्मों के बीच सम्मान और प्रशंसा का स्रोत रहा है. हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन की प्रार्थना करते हैं.”
I join 1.4 billion Indians in extending our warmest wishes to His Holiness the Dalai Lama on his 90th birthday. He has been an enduring symbol of love, compassion, patience and moral discipline. His message has inspired respect and admiration across all faiths. We pray for his…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2025
रविवार सुबह, शिमला के निकट पंथाघाटी स्थित दोरजिडक मठ में निर्वासित तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं ने उनके 90वें जन्मदिवस के अवसर पर विशेष प्रार्थनाएं कीं. इससे पहले, 5 जुलाई को जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर धर्मशाला में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाजपा नेता विजय जोली और जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह सहित कई प्रमुख भारतीय नेताओं ने भाग लिया और दलाई लामा को सम्मानित किया.
14वें दलाई लामा
ग्यालवा रिनपोछे के नाम से जाने जाने वाले 14वें दलाई लामा तिब्बत के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु और प्रमुख नेता हैं. उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के एक छोटे से कृषक गांव ताकस्तेर में हुआ था. मात्र दो वर्ष की आयु में ल्हामो धोन्दुप नामक इस बालक को 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म घोषित किया गया. अक्टूबर 1939 में उन्हें ल्हासा लाया गया और 22 फरवरी 1940 को तिब्बत के राज्य प्रमुख के रूप में औपचारिक रूप से स्थापित किया गया.
बाद में उनका नाम तेनजिन ग्यात्सो रखा गया और छह वर्ष की आयु में उन्होंने अपना धार्मिक अध्ययन शुरू किया. ‘दलाई लामा’ एक मंगोलियन शब्द है, जिसका अर्थ होता है “ज्ञान का महासागर”. तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार, दलाई लामा करुणा के बोधिसत्व के अवतार माने जाते हैं. बोधिसत्व वे प्रबुद्ध आत्माएं होती हैं, जो स्वयं का मोक्ष स्थगित कर बार-बार जन्म लेती हैं ताकि दूसरों की सेवा कर सकें.
दलाई लामा ने 1950 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद राजनीतिक अधिकार संभाले. मार्च 1959 में तिब्बती जनविद्रोह के दमन के बाद, वे 80,000 से अधिक शरणार्थियों के साथ भारत में निर्वासन में आ गए. पिछले छह दशकों से दलाई लामा शांति, प्रेम और करुणा के प्रसार के लिए कार्यरत हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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