चांद्र पर पहुंचा चंद्रयान-3
चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अगला पड़ाव लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान को बाहर निकालना था. लैंडिंग के करीब ढाई घंटे बाद प्रज्ञान को चांद की सतह पर उतारा गया. चांद की सतह पर कदम रखते ही प्रज्ञान ने अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़े. बताया जा रहा है कि ये निशान सदियों तक मौजूद रहेंगे.
रोवर अगले 14 दिनों तक विक्रम के साथ मिलकर डेटा कलेक्ट करेगा
लैंडर से निकलने के बाद रोवर का असली मिशन शुरू हुआ. अब रोवर अगले 14 दिनों तक विक्रम के साथ मिलकर चांद के साउथ पोल के बारे में जानकारी इकट्ठा कर धरती पर इसरो को भेजेंगे. इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आया. बाहर आने के बाद चांद की सतह पर उतरते ही अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़े, अब 14 दिनों तक प्रज्ञान वहां की स्थिति को जांचेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा, जहां से इन जानकारियों को धरती पर भेजा जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
Chandrayaan-3 ROVER:
Made in India 🇮🇳
Made for the MOON🌖!The Ch-3 Rover ramped down from the Lander and
India took a walk on the moon !More updates soon.#Chandrayaan_3#Ch3
— ISRO (@isro) August 24, 2023
14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3 मिशन
गौरतलब है कि 14 जुलाई 2023 को इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को एलवीएम-3 एम-4 व्हीकल की मदद से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. चंद्रयान-3 ने नियत ऑर्बिट में अपनी यात्रा शुरू की. 15 जुलाई से ऑर्बिट बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. उसके बाद धीरे-धीरे एक के बाद एक सफलता इसरो के नाम दर्ज होती चली गईं.
23 अगस्त को साउथ पोल पर कराई गई सॉफ्ट लैंडिंग
23 अगस्त की शाम को इसरो ने इतिहास रचते हुए चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतार दिया. इसी के साथ भारत इस ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला और चांद पर कदम रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.