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Prayagraj News: “श्रीराम और कृष्ण को धारा 302 में भेज देता जेल…”, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की विवादित टिप्पणी के बाद FIR दर्ज

Allahabad University: विहिप के शुभम ने कहा है कि, “भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन विक्रम हरिजन जैसे व्यक्ति सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इसका फायदा उठा रहे हैं.

फोटो-सोशल मीडिया

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म के देवी-देवताओं और शास्त्रों को लेकर लगातार विवादित टिप्पणी की जा रही है. इसी कड़ी में ताजा अमर्यादित बयान इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के सहायक प्रोफेसर डा. विक्रम हरिजन ने दिया है. जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया है. उनके खिलाफ रविवार की शाम को विश्व हिंदू परिषद (विहिप), हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने एक साथ मुकदमा दर्ज कराया है और आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित तौर पर भगवान राम और कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.

सहायक प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि वह अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स (ट्विटर) के जरिए लगातार हिंदू समाज के देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी किया करते हैं और हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं. खबर सामने आ रही है कि प्रोफेसर के इस कार्य से विश्वविद्यालय के छात्रों में भी आक्रोश व्याप्त हो गया है तो वहीं बल्कि हिंदू समाज भी आहत है. डॉ. हरिजन पर आरोप है कि उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि “यदि आज प्रभु राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेज देता और यदि आज कृष्ण होते तो उनको भी जेल भेज देता.” इसके बाद से ही हिंदू संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

प्रोफेसर के खिलाफ विहिप के जिला संयोजक शुभम ने तहरीर दी है. इसी के बाद कर्नलगंज थाना में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने), 295-ए (किसी वर्ग के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं विहिप के शुभम की ओर से बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि “भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन विक्रम हरिजन जैसे व्यक्ति सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इसका फायदा उठा रहे हैं.” शुभम ने संविधान में लिखे नियमों का जिक्र करते हुए कहा कि “वह इस बात से अनजान हैं कि संविधान ऐसी टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देता है जो देश की सुरक्षा और लोक व्यवस्था को खतरे में डाल सकती है.”

प्रोफेसर ने दी सफाई

वहीं इस पूरे मामले में डॉ. विक्रम हरिजन ने मीडिया के सामने सफाई देते हुए कहा है कि “मैंने संविधान के दायरे में रहकर यह बात लिखी है. भगवान राम ने शम्भुक का वध इसलिए किया था क्योंकि शम्भुक शूद्र जाति के थे और बच्चों को शिक्षा दे रहे थे.” इसी के साथ उन्होंने अपने बयान में भगवान श्रीकृष्ण को टारगेट करते हुए कहा कि “श्रीकृष्ण स्त्रियों का वस्त्र लेकर भाग जाते थे. मेरा कहना है कि आज के समय में ऐसा होता तो क्या कोई महिला यह बर्दाश्त करती.”

-भारत एक्सप्रेस



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