

Ambedkar Jayanti 2025: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर देश के सभी नागरिकों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. हर वर्ष 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है, जो भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक समानता के प्रतीक बाबा साहेब अंबेडकर को समर्पित होती है.
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, “मैं बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सभी देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं देती हूं. उनका जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है.” उन्होंने आगे बताया कि बाबा साहेब ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, फिर भी अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने एक अलग मुकाम हासिल किया. उनकी उपलब्धियां आज भी दुनिया भर में सम्मानित होती हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब न केवल एक महान संविधान निर्माता थे, बल्कि वे एक कुशल अर्थशास्त्री, शिक्षक, कानून विशेषज्ञ और समाज सुधारक भी थे.
‘शिक्षा को सामाजिक बदलाव का माध्यम मानते थे अंबेडकर’
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि बाबा साहेब हमेशा एक ऐसे समाज की वकालत करते थे, जहां सभी को बराबरी का हक मिले. उन्होंने महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया. शिक्षा को वे समाज में बदलाव और दलित समुदाय के उत्थान का सबसे बड़ा हथियार मानते थे. उनके विचार और कार्य आज भी हमें देश के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं.
राष्ट्रपति ने सभी से अपील की कि इस खास दिन पर हम बाबा साहेब के दिखाए रास्ते पर चलने का प्रण लें. उन्होंने कहा, “आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें, जहां आपसी भाईचारा और समानता का माहौल हो.”
गौरतलब है कि हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है. यह दिन भारत के संविधान के रचयिता, सामाजिक न्याय के प्रतीक और दलित आंदोलन के महान नेता के जन्म को याद करने का अवसर होता है. इस दिन देशभर में सभाएं, रैलियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बाबा साहेब के समानता, शिक्षा और सामाजिक सुधार के विचारों को बढ़ावा दिया जाता है.
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- भारत एक्सप्रेस
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