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लोकसभा में Make in India पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- पीएम ने की कोशिश लेकिन हुए फेल

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान सरकार पर जमकर निशाना साधा.

Rahul Gandhi speach in Parliament

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था.

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा, “मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना. मुझे कहना चाहिए कि मैंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, जो कहा जा रहा था, मैंने पहले भी लगभग यही अभिभाषण सुना है, यह वही चीजें हैं, जो सरकार ने की हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यह राष्ट्रपति का वह अभिभाषण नहीं है, जिसकी मुझे उम्मीद थी. मेरे मन में सवाल आया कि ‘इंडिया गठबंधन’ की सरकार होती तो राष्ट्रपति का अभिभाषण कैसा होता. इस देश का भविष्य भारत के युवाओं द्वारा तय किया जाएगा. मुझे लगता है कि हम जो भी कहें, वह युवाओं को ध्यान में रखकर ही कहना चाहिए. हमारे सामने सबसे पहली बात यह है कि भले ही हम आगे बढ़े हैं और आगे भी बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बेरोजगारी की सार्वभौमिक समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं. न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की जो बात की, वह एक अच्छा आइडिया है. परिणाम आपके सामने है, साल 2014 में विनिर्माण जीडीपी 15.3 फीसदी से गिरकर आज जीडीपी के 12.6 फीसदी पर आ गया है, जो 60 वर्षों में विनिर्माण का सबसे कम हिस्सा है. मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं, यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया. मैं कह सकता हूं कि प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे हैं.”

‘एआई अपने आप में बिल्कुल निरर्थक’

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि एआई डेटा के ऊपर काम करता है. डेटा के बिना एआई का मतलब कुछ भी नहीं है और अगर हम आज डेटा को देखते हैं, तो एक बात है जो बहुत स्पष्ट है. प्रत्येक डेटा का एक टुकड़ा जो विश्व में उत्पादन प्रणाली से बाहर आता है. इस डेटा का फोन को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो कि इलेक्ट्रिक कारों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “आज धरती पर मूल रूप से सभी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला डेटा चीन के स्वामित्व में है. जबकि, खपत डेटा संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वामित्व में है. इस क्षेत्र में चीन, भारत से कम से कम 10 साल आगे है. चीन पिछले 10 सालों से बैटरी, रोबोट, मोटर, ऑप्टिक्स पर काम कर रहा है और हम पीछे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी बैंकिंग प्रणाली पर दो-तीन कंपनियों द्वारा कब्जा न की जाए, जो मूल रूप से आपको उत्पादन प्रणाली बनाने की अनुमति नहीं देती हैं.”

भाजपा और आरएसएस पर भी साधा निशाना

राहुल गांधी ने विदेश नीति पर बात करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री को बुलाने के न्यौते के लिए अपने विदेश मंत्री को अमेरिका नहीं भेजते. इस पर किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. इसके बाद राहुल ने माफी मांगते हुए कहा कि विचलित हुए तो माफी मांगता हूं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) ‘400 पार’ कह रहे थे और कह रहे थे कि आप इसे (संविधान का हवाला देते हुए) बदल देंगे. फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और फिर उन्हें संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था. मुझे पता है कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया. मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली. उन्होंने कहा है कि यह निरर्थक है. हम आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देंगे. यह संविधान हमेशा भारत पर राज करने वाला है.”

-भारत एक्सप्रेस



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