ओडिशा के बालासोर में हुए कोरोमंडल ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है. बोर्ड ने बताया कि शुरुआती जांच में सिग्नल में कुछ गड़बड़ी की समस्या सामने आई है. अभी फिलहाल जांच जारी है. बोर्ड ने आगे बताया कि दो लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी हुई थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार 128 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इसके अलावा यशवंतपुर एक्सप्रेस की स्पीड 126 किलोमीटर थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन लोहा लदी मालगाड़ी से टकरा गई . वजन ज्यादा होने से मालगाड़ी के डिब्बे अपनी जगह से नहीं हिले, जिससे यात्रियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. तभी वहीं से गुजर रही यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से कोरोमंडल के डिब्बे टकरा गए. कोच के टकराने से उसके भी डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए.
संचालन व्यवसाय विकास की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य शुरू किया. उसके बाद मरम्मत कार्य को युद्धस्तर पर कराया जा रहा है. मलबे को तेजी के साथ मशीनों से हटाने का काम भी किया जा रहा है. एक हजार मजदूरों को लगाया गया है. बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं. इसमें 2 मेन लाइन है. लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी. स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था. दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी. प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है. घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी.
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वहीं रविवार को ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. सीएम ने पीएम को हादसे को लेकर ताजा स्थिति से अवगत कराया. सीएम पटनायक ने पीएम को बताया कि अलग-अलग अस्पतालों में घायलों का इलाज किया जा रहा है. जिसमें 1175 घायलों को भर्ती कराया गया था. जिसमें से सात सौ से ज्यादा को अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है. ज्यादातर मरीजों की स्थिति में सुधार है. वहीं प्रधानमंत्री ने संकट के दौरान त्वरित और कुशल कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री और ओडिशा सरकार को धन्यवाद दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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