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सुप्रीम कोर्ट में रेलवे बोर्ड का हलफनामा, पिछले 10 साल में रेल दुर्घटनाओं में 95% कमी का दावा

रेलवे बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें बोर्ड के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले 10 साल में रेल हादसों में काफी कमी आई है.

Railway Safety System

रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे में सुरक्षा प्रणाली नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली लगाने के दिशा निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर रेलवे बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले 10 साल में रेल हादसों में काफी कमी आई है.

सन 2004 से 2014 तक दुर्घटनाओं का आकंड़ा 1711 यानी हरेक साल 171 था. जबकि 2014 से 2024 में अब तक का आकंड़ा 678 यानी प्रत्येक साल 68 रहा है. यूपीए-1 और यूपीए-2 के कार्यकाल में हुई दुर्घटनाओं से मौजूदा सरकार के दौर में हुई दुर्घटनाओं का तुलनात्मक अध्ययन रिपोर्ट हलफनामे में दिया गया है.

रेलवे हादसों में 95% से ज्यादा सुधार

रेलवे बोर्ड ने यह भी कहा है कि साल 2000-01 में दुर्घटनाओं की संख्या 473 थी. जबकि 2023-24 में यह आकंड़ा घटकर 40 पर आ गया है. रेलवे बोर्ड ने कोर्ट को सूचित किया है कि सन 2000-01 में प्रति मिलियन ट्रेन किलोमीटर दुर्घटना सेफ्टी 0.65 था, जो 2023-24 में घटकर 0.03 हो गया. इससे स्पष्ट होता है कि 95% से ज्यादा सुधार आया है.

हलफनामा में यह भी कहा गया है कि हरेक रेलवे जोन ने दुर्घटनाओं से बचाव के मद्देनजर एक्शन प्लान बनाया है और उन्हें लागू किया जा रहा है. रेलवे बोर्ड के मुताबिक सेंट्रलाइज इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम इस साल जून तक 6589 स्टेशनों के सिग्नल्स पर लागू कर दिया गया है. कवच तकनीक को साउथ सेंट्रल रेलवे में 144 लोकोमोटिव्स में 1465 किमी के रूट पर शुरू किया गया है.

पटरियों की खामी दूर करने के लिए टेस्ट

यह चरणबद्ध योजना है जो विभिन्न तकनीकी विकास के साथ लागू की जा रही हैं. सर्दियों में फॉग के लिए जीपीएस बेस्ड फॉग सेफ्टी डिवाइस लोको पायलट को मुहैया कराई गई हैं. रेलवे पटरियों की खामी दूर करने को अल्ट्रासोनिक फ्ला डिटेक्शन (UFSD) के जरिए टेस्ट किया जा रहा है, ताकि समय से खराब पटरियों को ठीक किया जा सके.

बता दें कि जून 2022 में ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर ट्रेन दुर्घनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा तंत्र की कमी को पूरा करने की मांग की थी. चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा के बालासोर के पास पटरी से उतर गई और बगल के ट्रैक पर एक मालगाड़ी से टकरा गई. दूसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पटरी से उतरे डिब्बों से टकड़ा गई और 290 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

-भारत एक्सप्रेस



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