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Rajasthan: BJP विधायक गोपाल शर्मा ने जयपुर के मिर्जा इस्माइल रोड का नाम बदलने की मांग की, कहा- मिर्जा इस्माइल देशद्रोही था

विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि उस समय महाराजा मानसिंह की स्थिति कुछ ऐसी थी कि उन्हें मिर्जा इस्माइल से मोह हो गया और तमाम विरोधों के बावजूद इस सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया.

विधायक गोपाल शर्मा.

भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्रसिद्ध मिर्जा इस्माइल रोड ( Mirza Ismail Road) का नाम बदलने की मांग की है. विधायक ने मिर्जा इस्माइल को देशद्रोही करार देते हुए कहा कि उनका नाम अब इस मार्ग पर नहीं होना चाहिए. उन्होंने सड़क का नाम तत्काल बदलकर गोविंद देव मार्ग रखने का सुझाव दिया है.

गोपाल शर्मा (MLA Gopal Sharma) ने कहा कि मिर्जा इस्माइल देशद्रोही था जिसने हैदराबाद, मैसूरु और जयपुर में सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश की और भारत को स्वतंत्रता आंदोलन से दूर रखने का प्रयास किया. यह एक गंभीर देशद्रोही गतिविधि थी, जो कभी माफ नहीं की जा सकती. वीर सावरकर ने अपनी रचनाओं में मिर्जा इस्माइल की गतिविधियों की कड़ी आलोचना की है और उन्हें अपने लेखन में हमेशा कटघरे में खड़ा किया है.

जयपुर के सरदारों ने नामकरण का विरोध किया

विधायक ने दावा किया कि मिर्जा इस्माइल का जयपुर में मस्जिदों के निर्माण और मंदिरों को तोड़ने में बड़ा हाथ था. उनका उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना था. जयपुर के प्रधानमंत्री के रूप में उनका चयन भी एक षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसमें कुछ उद्योगपतियों और राजनेताओं की मिलीभगत थी.

जब मिर्जा इस्माइल रोड का नामकरण प्रस्तावित हुआ था, तब जयपुर के सरदारों ने इसका कड़ा विरोध किया था और महाराजा मानसिंह से इसे रोकने की अपील की थी, लेकिन अंततः विरोध के बावजूद यह नामकरण किया गया.

नाम बदलकर गोविंद देव मार्ग रखा जाए

गोपाल शर्मा ने कहा कि उस समय महाराजा मानसिंह की स्थिति कुछ ऐसी थी कि उन्हें मिर्जा इस्माइल से मोह हो गया और तमाम विरोधों के बावजूद इस सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया. अब उस मोह का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे व्यक्ति के नाम पर जयपुर के मुख्य मार्ग का नाम रखना सही नहीं है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम से जनता को दूर रखने का प्रयास किया.

अपनी मांग दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मिर्जा इस्माइल रोड का नाम बदलकर गोविंद देव मार्ग रखा जाना चाहिए, जो जयपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर से मेल खाता है. मिर्जा इस्माइल के नाम पर कोई जयंती या श्रद्धांजलि नहीं मनाई जाती, क्योंकि उनका इतिहास सिर्फ विवादों से भरा हुआ है.


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-भारत एक्सप्रेस



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