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Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इतिहास को बदलती हुई नहीं दिख रही है. रूझानों में बीजेपी ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है. अभी तक के रूझानों के मुताबिक, बीजेपी को 115 और कांग्रेस को 70 मिलती हुई दिख रही हैं. प्रदेश में सीएम अशोक गहलोत का जादू नहीं चला है. हालांकि प्रदेश में पहले ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी. इसका अंदाजा सर्वे के सभी एग्जिट पोल के नतीजों से भी लगाया जा रहा था. लेकिन जब आज रूझान सामने आए तो गेम पूरा बीजेपी के हाथ में आ गया.
राजस्थान में भी बीजेपी ने बिना किसी सीएम फेस के चुनाव लड़ा था. पार्टी ने पीएम मोदी को सबसे बड़ा चेहरा बनाया था और मोदी की गारंटी के नाम पर ही वोट मांगे थे. चलिए अब आपको राजस्थान का गेम पूरी तरह से समझाते है कि किस तरह से बीजेपी ने यहां कड़ा मुकाबला एक तरफा मुकाबले में पलट दिया. इसके अलावा हम आपको वो पांच वजह बताएंगे कि जहां सीएम गहलोत ने चूक गए और बीजेपी ने गेंद अपने पाले में कर ली.
प्रदेश के उदयपुर में कन्हैयालाल की घटना का मुद्दा काफी ज्यादा गहराया हुआ था. बीजेपी ने इस मुद्दों को जमकर भुनाया और कांग्रेस को जमकर घेरा. बीजेपी ने कांग्रेस की कानून व्यवस्था को लेकर जमकर घेरा था. सीएम गहलोत ने उदयपुर की घटना पर बीजेपी का काउंटर नहीं कर पाए. इसका चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में डाल डायरी का मुद्दा जोर-शोर से उछाला था. हालांकि यह मुद्दा कोई नया नहीं है. पिछले चुनाव में इस मुद्दे का काफी ज्यादा जिक्र हुआ था. बीजेपी आरोप लगाती हुई है कि इस लाल डायरी में कांग्रेस के भ्रष्टाचार के कई पन्ने है. चुनाव के समय पीएम मोदी ने कहा था कि जैसे-जैसे डाल डायरी के पन्ने खुल रहे हैं वैसे-वैसे जादूगर के चेहरे की हवाइयां उड़ रही हैं. पीएम मोदी ने कहा था, “लाल डायरी में साफ-साफ लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने पांच वर्षों में आपके जल, जंगल और जमीन को कैसे बेचा है.
राजस्थान में पेपर लीक का मामला भी काफी ज्यादा गरमाया हुआ था. बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस की सरकार पर जमकर हमला बोला और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. बीजेपी ने जनता से कहा था कि हमारी सरकार आने पर जितने भी घोटाले हुए हैं उनकी जांच की जाएगी और दोषियों को जेल में डाला जाएगा.
राजस्थान में मतदान से पहले जांच एजेंसी ईडी ने प्रदेश में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ओमप्रकाश हुडला तक पेपर लीक मामले में छापेमारी हुई. वहीं इसका फायदा बीजेपी ने उठाया और कांग्रेस पर कई वार किए.
पार्टी में काफी समय से गुटबाजी का मामला चल रहा है. सचिन पायलट और सीएम गहलोत के पंग किसी से छुपे नहीं थे. हालांकि चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान ने इन दोनों को विवाद को सुलझा दिया और दिखाने की कोशिश की गई कि अब सभी तक मंच पर हैं. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भलें ही बाहर मामला सुलझा हुआ दिखाया जा रहा हो, मगर अंदर कुछ और ही चल रहा है.
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