आजम खान की फाइल फोटो
Rampur: सपा नेता आजम खान (Azam Khan) को एमपी-एमएलए कोर्ट से राहत मिल गई है. हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने आजम खान को बरी कर दिया है. दोष सिद्धि के विरोध में आजम खान ने एमपी-एमएलए कोर्ट में अपील की थी. अपील पर हुई बहस के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान के पक्ष में बुधवार को फैसला सुना दिया है. हेट स्पीच मामले में प्रॉसीक्यूशन आरोप नहीं सिद्ध कर पाया. इसी के बाद उनको बरी कर दिया गया.
बता दें कि सपा नेता आजम खान द्वारा हेट स्पीच मामले में दोष सिद्धि के विरुद्ध की गई अपील पर बुधवार को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई थी. आजम खान पर लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2019 के दौरान रामपुर के मिलक थाना क्षेत्र के खाता नगरिया में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा आजम खान की लोकसभा सदस्यता रद्द की गई थी. इसी को लेकर दोष सिद्धि के विरोध में आजम खान ने एमपी एमएलए कोर्ट में अपील की थी. इसी के बाद बुधवार को इस मामले में सुनवाई थी, जिसमें सपा के वरिष्ठ नेता के लिए राहत भरी खबर सामने आई है.
सपा नेता आजम खान को एमपी एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में बरी कर दिया है. अपील पर हुई बहस के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान के पक्ष में फैसला सुनाया है. जानकारी सामने आ रही है कि हेट स्पीच मामले में प्रॉसीक्यूशन आरोप सिद्ध नहीं कर सका. इसी के बाद अपना फैसला सुनाते हुए एमपी,एमएलए कोर्ट ने आजम खान को बरी कर दिया.
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आजम खान की चली गई थी विधायकी
बता दें कि हेट स्पीच मामले में 27 अक्टूबर 2022 को हुई तीन साल की जिस सजा के चलते उनकी विधायकी चली गई थी, वोट देने का अधिकार छिन गया था, वो सजा सेशन कोर्ट से खारिज हो गई है. अदालत ने आजम खान को दोषमुक्त कर दिया है. समाजवादी पार्टी ने इसे न्याय की जीत बताया है. आजम खान ने निचली अदालत से मिली सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में अपील की थी. बुधवार को इस मामले में फैसला आया तो आजम खान के परिवार ने बड़ी राहत महसूस की.
आजम खान के वकील ने बताया कि न्यायायल ने आजम खान को इस मामले में दोष मुक्त कर दिया है. सेशन कोर्ट से मिली इस राहत के बाद यूपी के राजनीतिक गलियारों में आजम खान की विधायकी को लेकर एक बार फिर चर्चा होने लगी. बता दें कि आजम खान को तीन साल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उनकी विधायकी चली गई थी. इसके बाद उनकी सीट पर चुनाव हुए जिसमें बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई.
अब सपा ने उठाया ये सवाल
अब जब इस मामले में आजम खान बरी हो गए हैं तो सपा कानूनी सवाल उठ रही है कि क्या उन्हें अपनी विधायकी वापस मिल पाएगी. फिलहाल इस बारे में किसी पक्ष से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन लोगों के बीच यह चर्चा का विषय है. आजम खान के समर्थक और समाजवादी पार्टी नेता इस राहत को न्याय की जीत बता रहे हैं. समाजवादी पार्टी लगातार आरोप लगाती है कि बीजेपी सरकार आने के बाद से आजम खान और उनके परिवार को जानबूझकर कानूनी मामलों में उलझाया जा रहा है. इस फैसले के बाद आजम खान समर्थकों ने कहा कि आखिककार न्यायालय से इंसाफ मिला है.
सपा को पढ़ना चाहिए कानून
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि, देश का कानून और संविधान सभी व्यक्तियों को किसी भी फैसले के खिलाफ उसके ऊंची अदालत में जाने की इजाजत देता है. माननीय न्यायालय का फैसला है. इस फैसले के बाद भी वादी और प्रतिवादी के पास भी ये अधिकार रहेगा कि वह ऊंची अदालत में जा सकतें हैं. सदस्यता समाप्त करने का जहां तक सवाल है तो कानून कहता है कि जैसे ही माननीय न्यायालय जैसे ही फैसला सुना देता है, वैसे ही उस व्यक्ति की सदस्यता समाप्त हो जाती है. विधानसभा और लोकसभा का रोल बस इतना होता है कि चुनाव आयोग की इस बात की सूचना दे देते हैं कि सदस्यता समाप्त होने के बाद ये सीट खाली हो गई है. इसलिए सपा को कानून पढ़ना चाहिए, जो इस विषय पर आर्डिनेन्स था, उसको पढ़ना चाहिए और न्यायालय के फैसले को पढ़ना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस