यूसीसी के बारे में जानकारी देते हुए
शिवांग तिमोरी
UP News: जहां एक ओर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा है और कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. दूसरी ओर RSS ने लोगों को जागरुक करना भी शुरू कर दिया है. इसकी जिम्मेदारी आरएसएस से जुड़े राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को सौंपी गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यूसीसी को लेकर मुस्लिम समाज को जागरुक करना शुरू कर दिया है. यह अभियान यहां की मुस्लिम बस्तियों में शुरू किया गया है.
समाजवादी गढ़ में RSS अभियान
मालूम हो कि भाजपा सरकार देश में यूसीसी लागू करने के संकेत दे चुकी है, जिसके बाद मुस्लिम, दलित, आदिवासियों के मन में सरकार के इस कानून को लेकर संशय बना हुआ है. संघ की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच इकाई ने इस बिल को बनाने और लागू किए जाने से पहले मुस्लिमों को जागरूक करने की पहल शुरू कर दी है. बता दें देश भर में जहां समान नागरिक संहिता को लेकर के मुस्लिम राजनेताओं में खासी नाराजगी दिखाई दे रही है. समाजवादी गढ़ कहे जाने वाले इटावा के मुस्लिम समान नागरिक संहिता के पक्ष में खड़ा करने की मुहीम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मुस्लिम इकाई ने शुरू कर दी है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुस्लिम मंच की प्रांत संयोजक कोमल नेहा मुस्लिम बस्तियों में जाकर के लोगों के बीच में समान नागरिक संहिता से होने वाले फायदे गिना रही हैं. कोमल मुस्लिम बंधुओं को ना केवल समझा रहीं हैं, बल्कि मुस्लिम उनकी बात पर सहमति जताते हुए भी दिख रहे हैं.
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इसको होना चाहिए लागू
समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए मुस्लिम मंच की प्रांत संयोजक कोमल नेहा ने बताया कि भारत संविधान से चलता है. संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता लागू करने का विवरण दिया गया है. यूसीसी का मतलब है समान नागरिक संहिता. जो सभी धर्मों के लिए फिर चाहे वो हिंदू, सिक्ख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध क्यों न हो. सभी के लिए होगा. ये राजनीतिक दल के लोग हैं जो वोट बढ़ाने के लिए मुस्लिम को निशाना बना रहे हैं. समान नागरिक संहिता सभी धर्मों के हित के लिए बनाया जा रहा है और इसको लागू होना चाहिये.
इस्लामिक देशों में लागू है यूसीसी
मुस्लिम मंच की प्रांत संयोजक कोमल नेहा ने आगे बताया कि, यूसीसी के लिए सुझाव भी तो मांगा गया है. अगर आप अपना सुझाव देते हैं और वो सही हुआ तो माना जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि, बहुत सारे इस्लामिक देश हैं जहां यूसीसी लागू हो गया है. तो वहीं दानिश ने कहा कि अभी तक उन्होंने यूसीसी को लेकर के जो ड्राफ्ट पढ़ा है, उसमें जो बातें कही गई हैं उससे बात कहीं पर भी यह नहीं दिखी कि यूसीसी मुस्लिमों के लिए अहितकारी है या उनका कोई नुकसान होने वाला है. इसलिए इस ड्राफ्ट को बेहद ही बारीकी से समझने की जरूरत है.
-भारत एक्सप्रेस
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