रतन टाटा.
भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात निधन हो गया. उन्होंने 1991 से लेकर 2012 तक लगातार 21 वर्षों तक टाटा ग्रुप (Tata Group) का नेतृत्व किया और कई ऐसे अधिग्रहण किए जिसने समूह को विश्व पटल पर ला दिया.
Jaguar Land Rover अधिग्रहण
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की ओर से लग्जरी कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JRL) का अधिग्रहण किया गया था. यह अधिग्रहण 2008 में टाटा मोटर्स (Tata Motors) की ओर से फोर्ड मोटर (Ford Motor Company) से 2.3 अरब डॉलर में किया गया था.
इसे रतन टाटा का फोर्ड मोटर से बदला माना जाता है, क्योंकि 1999 में टाटा मोटर्स के पैसेंजर वाहन सेगमेंट को फोर्ड मोटर ने खरीदने से मना कर दिया था. इस दौरान फोर्ड के एक अधिकारी की ओर से रतन टाटा को कहा गया था कि जब आपको कार बिजनेस का ज्ञान ही नहीं था, तो आपने इस सेगमेंट में क्यों एंट्री की. अगर हम इसे खरीद लेते हैं तो यह आप पर एहसान होगा.
इसने रतन टाटा को गहरी चोट पहुंचाई और उन्होंने अपनी कार को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया. इसके 9 साल बाद 2008 में जब फोर्ड मोटर वित्तीय संकट का सामना कर रही थी, जब टाटा मोटर्स की ओर से फोर्ड मोटर से जगुआर लैंड रोवर को खरीदा गया. उस समय फोर्ड ने कहा कि JRL को खरीद कर आपने हमें राहत दी है.
Tata Nano की लॉन्चिंग
2005 में कम लागत वाले Tata Ace ट्रक को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद टाटा मोटर्स ने एक किफायती यात्री कार को लॉन्च करने की योजना बनाई. इसके पीछे मकसद ये था कि ये कार इतनी सस्ती हो कि बाइक चलाने वाले भी कार खरीदने की ओर आकर्षित हो जाएं.
इस तरह देश में आम लोगों तक कार पहुंचाने के लिए रतन टाटा की ओर से केवल 1 लाख रुपये की कीमत में Tata Nano कार को 2008 में लॉन्च किया गया था. हालांकि, यह कार इतनी सफल नहीं हुई. 2012 में इसकी अधिकतम 74,527 यूनिट्स की बिक्री हुई. बाद में कम बिक्री के कारण इसका उत्पादन 2018 में बंद कर दिया गया था.
Telecom Sector में प्रवेश
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कंज्यूमर टेलीकॉम में प्रवेश किया. उनकी कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) और जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो (NTT Docomo) ने मिलकर नवंबर 2008 में टाटा डोकोमो (Tata Docomo) को लॉन्च किया. अपने कम ट्रैरिफ के कारण टाटा डोकोमो तेजी से भारतीय बाजार में लोकप्रिय हो गया.
हालांकि, लगातार नुकसान के कारण एनटीटी डोकोमो इस संयुक्त उपक्रम से बाहर हो गया. फिर 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशन बंद कर दिए और कारोबार का 2019 में भारती एयरटेल (Bharti Airtel) द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया.
Defence Sector में योगदान
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने Tata Advanced Systems Ltd (TASL) के माध्यम से 2007 में रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया. यह रक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने वाली शुरुआती निजी कंपनियों में से एक थी.
TASL एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए देश की अग्रणी निजी कंपनियों में से एक है और विशेष रूप से सरकार के ‘Make in India’ कार्यक्रम और वैश्विक मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) के लिए ‘पसंदीदा भागीदार’ बनने की आकांक्षा रखती है. TASL के पास अग्रणी वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा फर्मों के साथ साझेदारी और संयुक्त उद्यमों का एक मजबूत पोर्टफोलियो है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला में एक अभिन्न भागीदार बनाता है और कुछ मामलों में यह अग्रणी रक्षा ओईएम के लिए एक वैश्विक एकल स्रोत प्रदाता है.
Air India का अधिग्रहण
रतन टाटा के मार्गदर्शन में टाटा ग्रुप की ओर से 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया गया था. यह अधिग्रहण 18,000 करोड़ रुपये में किया गया था. टाटा ग्रुप की ओर से फिलहाल एयर इंडिया का कायाकल्प किया जा रहा है. वित्त वर्ष 24 में एयर इंडिया का नुकसान 60 प्रतिशत कम होकर 4,444 करोड़ रुपये हो गया है.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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-भारत एक्सप्रेस
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