राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी को दिल्ली हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहित जोशी को किसी भी प्रकार की फिलहाल राहत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 25 अक्टूबर को कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. इस बीच ट्रायल जारी रहेगा. रोहित जोशी पर रेप और अन्य गंभीर आरोपों से जुड़े एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई चल रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर और इस मामले में जांच चल रही है, लिहाजा याचिका पर हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है. वही रोहित जोशी की ओर से पेश उनके वकील हरिहरन ने .इन आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और रोहित के बीच संबंध सहमति से थे, और यह आरोप हनी ट्रैप का हिस्सा है. जिसके जरिये महिला ने जोशी पर शादी का दबाव डाला.
बचाव पक्ष बने यह भी तर्क दिया कि शिकायतकर्ता को पहले से ही रोहित की वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी थी और उसने रोहित पर उसकी पत्नी को तलाक देने और उससे शादी करने के लिए दबाव डाला. 23 वर्षीय एक महिला ने आरोप लगाया है कि रोहित जोशी ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली, जयपुर और अन्य स्थानों पर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया.
मामले की सुनवाई के दौरान महिला की ओर से पेश वकील शिव मंगल शर्मा ने दलील देते हुए ऐसे गंभीर अपराध के मामले में एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की याचिका सुनवाई योग्य नही है. उन्होंने कहा कि बिना शिकायतकर्ता का पक्ष सुने इन आरोपों को खारिज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह मामला गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है.
साथ ही यह भी बताया कि राजस्थान में जोशी के सत्ता में रहते हुए महिला पर झूठे केस दायर करके उसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला गया. रोहित जोशी के खिलाफ 9 मई 2022 को सदर बाजार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें रोहित जोशी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 328 (जहर देकर नुकसान पहचाना), 312 (गर्भपात कराना), 377 (अप्राकृतिक कृत्य) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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