संघ प्रमुख मोहन भागवत.
RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज का भी जिक्र किया. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि द्रौपदी के वस्त्र का हरण हुआ, तो महाभारत जैसे युद्ध हो गया. सीता हरण हुआ, तो रामायण हो गया. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह लज्जित करने वाला हो गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए था, होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वह अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है. इसके अलावा संघ प्रमुख ने कई मुद्दों पर देशवासियों को मिल कर आगे बढ़ने को कहा.
भारत को शक्ति संपन्न बनना पड़ेगा: संघ प्रमुख
संघ प्रमुख ने देश को शक्ति संपन्न बनने के लिए प्रेरित भी किया. कहा, हमारे समाज में जिनको देखकर लोग आगे बढ़ते हैं, जिनको बड़ा माना जाता है, वो जैसा करते हैं, लोग वैसा करते हैं. उनको करने वालों को यह देखना चाहिए कि उन्हें ऐसा करना है, जिससे समाज को धक्का नहीं लगे. ऐसा ही भारत के साथ भी है, भारत को शक्ति संपन्न बनना पड़ेगा. दुर्बल रहने से काम नहीं बनेगा.
भागवत ने देशवासियों को एक सलाह भी दी. कहा कि लोग देश का भ्रमण करें. बोले, घर के अंदर भाषा, भोजन, वेशभूषा अपनी होनी चाहिए. यह हमारा अधिकार है. इसके साथ ही हमें अपने देश के स्थानों का भ्रमण करना चाहिए, भ्रमण ऐसा होना चाहिए जिसमें अपने देश को जनाने को मौका मिले.
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RSS की स्थापना के 99 साल पूरे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 99 साल पूरे हो गए हैं. स्थापना दिवस को विधिवत ही शुरू किया गया. विजयादशमी उत्सव की शुरुआत शस्त्र पूजन से हुई. कार्यक्रम में इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे.
सुबह 6:15 बजे नागपुर के स्वयंसेवकों ने पारंपरिक पथ संचलन (रूट मार्च) में भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान आरएसएस बैंड ने अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान आरएसएस कार्यालय पर संघ का ध्वजारोहण भी किया गया. मोहन भागवत ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया.
1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी संघ की स्थापना
साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, इसलिए विजयदशमी आरएसएस के लिए कई मायनों में अहम है. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी. आज दुनिया भर के कई देशों में आरएसएस की शाखा लगती है. 99 साल के सफर में तीन बार संगठन पर बैन भी लग चुका है.
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