(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
Sandeshkhali Case: संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए रेप व जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल के संदेशखाली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई करेगी. तो इसके अलावा कोर्ट ने संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर कहा कि इसकी जांच सीबीआई कर रही है और अब कोर्ट इस पर नजर रखेगी.
मालूम हो कि हाल ही में संदेशखाली मामले को लेकर हाई कोर्ट ने बंगाल की टीएमसी सरकार को जमकर झाड़ लगाई थी और कहा था, “संदेशखाली में मामलों की जटिलता को देखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. हमारी राय है कि राज्य को (जिस भी) एजेंसी को प्रभारी बनाया गया है उसे उचित समर्थन दे.” बता दें कि टीएमसी से निष्कासित नेता शाहजहां शेख पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और भूमि कब्जाने का गंभीर आरोप लगा है. ये आरोप संदेशखाली में ईडी की टीम पर किए गए हमले के बाद सामने आए थे. आरोप है कि शाहजहां शेख के लोगों ने वहां पर मछली पालन के लिए कृषि भूमि को अवैध रूप से बदलने के साथ ही स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा भी कर लिया. इसी दौरान शेख और उसके साथियों ने महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न भी किया. महिलाओं ने ये आरोप उस वक्त लगाए जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और केंद्रीय एजेंसियों ने यहां का दौरा किया. तो वहीं अब इस मामले की सुनवाई 2 मई को होगी. कोर्ट ने सुनवाई के दिन रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
आरोप है कि टीएमसी नेता के इशारे पर हुआ हमला
गौरतलब है कि संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हमला हुआ था. राशन घोटाले के मामले में टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर ईडी अधिकारियों ने छापा मारी था. इसी दौरान भीड़ ने उनके ऊपर हमला बोल दिया था. इस घटना को लेकर आरोप है कि हमला शाहजहां शेख के इशारे पर हुआ था. इस मामले की जांच CBI कर रही है. तो वहीं पिछले हफ्ते कोर्ट में संदेशखाली से जुड़ी कई याचिकाओं सुनवाई हुई थी. इसमें संदेशखाली को लेकर कई आरोपों की बाहरी एजेंसियों से जांच कराने की मांग की गई थी. इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की नेतृत्व वाली पीठ ने बंगाल सरकार को जमकर लताड़ा था और कहा था कि “भले ही एक हलफनामा सही हो. अगर एक प्रतिशत भी सच है. तो यह बहुत शर्मनाक है.”
-भारत एक्सप्रेस
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