सुप्रीम कोर्ट.
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन शोषण के मामले में किए गए स्टिंग ऑपरेशन की सत्यता परखने के लिए एसआईटी जांच की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट याचिका पर जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है.
यह याचिका एक महिला की ओर से दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन शोषण के मामले में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया है. इसकी सत्यता का पता लगाने के लिए एसआईटी जांच का गठन की मांग की गई है.
क्या है स्टिंग ऑपरेशन में
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि स्टिंग ऑपरेशन में एक व्यक्ति को यह खुलासा करते हुए दिखाया गया कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ रेप के आरोप झूठे हैं और संदेशखाली के लोगों ने टीएमसी नेताओं की छवि खराब करने के लिए बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी के निर्देशों पर काम किया था. याचिका में यह भी कहा गया है कि महिलाओं से बलात्कार की झूठी शिकायतें दर्ज करने के लिए कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट उठा चुका है पहले भी सवाल
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहले सवाल उठा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संदेशखाली मामले में कुछ निजी व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए पश्चिम बंगाल सरकार याचिकाकर्ता बनकर उसके सामने क्यों आई है.
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध किए जाने और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच सीबीआई से कराए जाने का 10 अप्रैल को निर्देश दिया था.
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखा है. अदालत ने मामले की जांच एसआईटी या सीबीआई से कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा था. वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से इसे दायर किया गया था.